फ्रेंच डॉक्टर विक्टर रेसीन ने कहा है :- “तुलसी एक अदभुत औषधि (Wonder Drug) है। इस पर किये गये प्रयोगों से यह सिद्ध हुआ है कि रक्तचाप और पाचनतंत्र के नियमन में तथा मानसिक रोगों में तुलसी अत्यंत लाभकारी है। इससे रक्तकणों की वृद्धि होती है। मलेरिया तथा अन्य प्रकार के बुखारों में तुलसी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है।”

तुलसी (Tulsi Holy Basil) रोगों को तो दूर करती ही है, इसके अतिरिक्त ब्रह्मचर्य की रक्षा करने एवं याद्दाश्त बढ़ाने में भी अनुपम सहायता करती है।

तुलसी (Tulsi Holy Basil) की जड़ और पत्ते ज्वर (बुखार) में उपयोगी हैं। वीर्यदोष में इसके बीजों का उपयोग उत्तम है। तुलसी की दूधरहित चाय पीने से ज्वर, आलस्य, सुस्ती तथा वात-कफ के विकार दूर होते हैं, भूख बढ़ती है।

तुलसी (Tulsi Holy Basil) की महिमा बताते हुए भगवान शिवजी नारदजी से कहते हैं-

पत्रं पुष्पं फलं मूलं शाखा त्वक् स्कन्धसंज्ञितम्।

तुलसीसंभवं सर्वं पावनं मृत्तिकादिकम्।।

तुलसी का पत्ता, फूल, फल, मूल, शाखा, छाल, तना और मिट्टी आदि सभी पावन हैं। (पद्म पुराण, उत्तर खंड 24.2)