पूज्य बापू जी ने सोने की सुंदर कला सिखाते हुए बताया है – “रात को थके-मांदे होकर भरे बोरे की नाँईं बिस्तर पर मत गिरो। सोते समय बिस्तर पर ईश्वर से प्रार्थना करो कि ‘हे प्रभु! दिनभर में जो अच्छे काम हुए वे तेरी कृपा से हुए।’

गलती हो गई तो कातर भाव से प्रार्थना कर लो कि ‘प्रभु ! तू क्षमा कर। बुराई से मुझे बचा ले। कल से कोई बुरा कर्म न हो। हे प्रभु ! मुझे तेरी प्रीति दे दे….’ भगवान के नाम का उच्चारण करना बाहर से कर्म दिखता है लेकिन भगवान के नाम का उच्चारण करना, यह पुकार है।”