World Best Wrestler Professor Ram Murti Naidu Pehalwan Story (Kaise Bane Vo takatvar Jiski Vajah se Ram Murti Dand/ Push up Famous hai)

हे भारत के सपूतों-सुपुत्रियों ! तुम हिम्मत मत हारना, निराश मत होना। अगर कभी असफल भी हुए तो हताश मत होना वरन् पुनः प्रयास करना। तुम्हारे लिए असम्भव कुछ भी नहीं होगा। ૐ…. ૐ…. ૐ….

राममूर्ति नामक एक विद्यार्थी बहुत दुबला-पतला और दमे की बीमारी से ग्रस्त था। शरीर से इतना कमजोर था कि विद्यालय जाते-जाते रास्ते में ही थक जाता और धरती पकड़कर बैठ जाता। जबकि राममूर्ति के पिता खूब मोटे-ताजे एवं तंदुरुस्त थानेदार थे।

कई बार वे बोल पड़तेः “मेरा बेटा होकर तुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है ! इससे तो अच्छा होता तू मर जाता।”

अपने पिता द्वारा बार-बार तिरस्कृत होने से राममूर्ति का मनोबल टूट जाता लेकिन ऐसे में उसकी माँ उसमें साहस भर देती थी। हर रोज उसे वीर पुरुषों की गाथाएँ सुनाया करती थी। महान योद्धाओं के चरित्र सुनकर राममूर्ति अपनी माँ से कहताः “माँ ! मैं भी वीर हनुमान, पराक्रमी भीम और अर्जुन जैसा कब बनूँगा ?”

माँ भारतीय संस्कृति का आदर करती थी। सत्संग में जाने से हमारे ऋषि-मुनियों के बताये हुए प्रयोगों की थोड़ी-बहुत जानकारी उसे थी। उसने उऩ प्रयोगों को राममूर्ति पर आजमाना शुरु कर दिया।

सुबह उठकर खुली हवा में दौड़ लगाना, सूर्य की किरणों में योगासन-प्राणायाम करना, दंड-बैठक लगाना, उबले अंजीर का प्रयोग करना…. इत्यादि से राममूर्ति का दमे का रोग मिट गया। दमे की बीमारी से ग्रस्त राममूर्ति प्राणबल से विश्वप्रसिद्ध पहलवान राममूर्ति बन गये।

25-25 हार्स पावर की चालू जीप गाड़ियों को हाथों से पकड़े रखना, छाती पर पटिया रखकर उस पर हाथी को चलवाना – ऐसे कई चमत्कार राममूर्ति ने कर दिखाये।

हे भारत के सपूतों ! तुम ही भावी भारत के भाग्य-विधाता हो। अतः अभी से अपने जीवन में सत्यपालन, ईमानदारी, संयम, सदाचार, न्यायप्रियता आदि गुणों को अपनाकर अपना जीवन महान बनाओ।

– जवाब दें और जीवन में लायें….
▪ जीवन महान बनाने के लिए आप किन सदगुणों को अपनाओगे ?
▪ दुबला-पतला विद्यार्थी राममूर्ति एक विश्वप्रसिद्ध पहलवान कैसे बना ?
▪ राममूर्ति द्वारा अपनाये हुए प्रयोगों को आप अपने जीवन में कैसे लायेंगे ?