• भगवान श्री राम (Lord Ram) के वनगमन के समय राजा दशरथ ने कैकेयी से कह दिया था कि “मैं पुत्र सहित तेरा त्याग करता हूं ।’
  • तुलसी के पौधे के आगे शाम को दीया जलाने से लक्ष्मी वृद्धि में मदद मिलती है; गुरुदेव ने यह भी कहा कि “लक्ष्मीजी को कभी तुलसी जी नहीं चढाई जाती, उनको कमल चढाया जाता है ।
  • श्री रामजी (Shri Ram ji) के लंका-विजय के पश्चात जब दशरथ जी स्वर्ग से श्री राम जी को आशीर्वाद देने के लिए आए, तब उन्होंने रावण के वध पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा : “राम मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूँ । अब तुम भाइयों सहित राज्य करो एवं दीर्घायु को प्राप्त हो ।”
  • इस प्रकार जब राजा दशरथजी प्रसन्न हो गए तब राम जी ने उनसे वरदान मांगा कि “आपने जो माता कैकयी से कहा था कि मैं पुत्रसहित तेरा त्याग करता हूँ अपना वह घोर शाप आप वापस ले लें ।”
  • दशरथजी बोले :”राम ! तुम धन्य हो ।”
  • भगवान राम को जिनकी वजह से 14 वर्ष वनवास जाना पड़ा, उनके प्रति भी भगवान राम का प्रेम कितना अद्भुत था ।
    ~ऋषि प्रसाद : सितम्बर 2015