aum mantra menaing

Aum Meaning | Om in Hindi | ॐ meaning in Hindi

  • ॐ = अ+उ+म+(ँ) अर्ध तन्मात्रा । ॐ का अ कार स्थूल जगत का आधार है । उ कार सूक्ष्म जगत का आधार है । म कार कारण जगत का आधार है । अर्ध तन्मात्रा (ँ) जो इन तीनों जगत से प्रभावित नहीं होता बल्कि तीनों जगत जिससे सत्ता-स्फूर्ति लेते हैं फिर भी जिसमें तिलभर भी फर्क नहीं पड़ता, उस परमात्मा का द्योतक है ।

Benefits of Om in Hindi

  • ॐ आत्मिक बल देता है । ॐ के उच्चारण से जीवनशक्ति उर्ध्वगामी होती है । इसके सात बार के उच्चारण से शरीर के रोग को कीटाणु दूर होने लगते हैं एवं चित्त से हताशा-निराशा भी दूर होती है ।
  • यही कारण है कि ऋषि-मुनियों ने सभी मंत्रों के आगे ॐ जोड़ा है । शास्त्रों में भी ॐ की बड़ी भारी महिमा गायी गयी है । भगवान शंकर का मंत्र हो तो ॐ नमः शिवाय । भगवान गणपति का मंत्र हो तो ॐ गणेशाय नमः । भगवान राम का मंत्र हो तो ॐ रामाय नमः । श्री कृष्ण मंत्र हो तो ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । माँ गायत्री का मंत्र हो तो ॐ भूर्भुवः स्वः । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गोदेवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् । इस प्रकार सब मंत्रों के आगे ॐ तो जुड़ा ही है ।
  • पतंजलि महाराज ने कहा हैः तस्य वाचकः प्रणवः । ॐ (प्रणव) परमात्मा का वाचक है, उसकी स्वाभाविक ध्वनि है ।

Scientific Benefits of Om Chanting in Hindi

  • ॐ के रहस्य को जानने के लिए कुछ प्रयोग करने के बाद रूस के वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित हो उठे । उन्होंने प्रयोग करके देखा कि जब व्यक्ति बाहर एक शब्द बोले एवं अपने भीतर दूसरे शब्द का विचार करे तब उनकी सूक्ष्म मशीन में दोनों शब्द अंकित हो जाते थे । उदाहरणार्थ, बाहर से क कहा गया हो एवं भीतर से विचार ग का किया गया हो तो क और ग दोनों छप जाते थे । यदि बाहर कोई शब्द न बोले, केवल भीतर विचार करे तो विचारा गया शब्द भी अंकित हो जाता था ।
  • किन्तु एकमात्र ॐ ही ऐसा शब्द था कि व्यक्ति केवल बाहर से ॐ बोले और अंदर दूसरा कोई भी शब्द विचारे फिर भी दोनों ओर का ॐ ही अंकित होता था । अथवा अंदर ॐ का विचार करे और बाहर कुछ भी बोले तब भी अंदर-बाहर का ॐ ही छपता था ।
  • समस्त नामों में ॐ का प्रथम स्थान है । मुसलमान लोग भी अल्ला होssssss अकबर…….. कहकर नमाज पढ़ते हैं जिसमें ॐ की ध्वनि का हिस्सा है ।
  • सिख धर्म में भी एको ओंकार सतिनामु…… कहकर उसका लाभ उठाया जाता है । सिख धर्म का पहला ग्रन्थ है, जपुजी और जपुजी का पहला वचन हैः एको ओंकार सतिनामु………
    – बाल संस्कार साहित्य से…