सच्चा हीरा
संध्या का समय था । गाँव की चार स्त्रियाँ पानी भरने के लिए अपने-अपने घड़े लेकर कुएँ पर पहुँचीं । पानी भरने के साथ-साथ वे आपस में बातें भी कर रही थीं । उनमें से
संध्या का समय था । गाँव की चार स्त्रियाँ पानी भरने के लिए अपने-अपने घड़े लेकर कुएँ पर पहुँचीं । पानी भरने के साथ-साथ वे आपस में बातें भी कर रही थीं । उनमें से
प्रजापालक यदि न्यायप्रिय, उदार तथा प्रजा का भला चाहनेवाला होता है तो सारी प्रजा के हृदय में उसके लिए बड़ा आदर एवं ऊँचा स्थान हो जाता है । इतना ही नहीं, उसके वंशजों को भी
❀ “भारत को समर्थ राष्ट्र बनाना हो तो नयी पीढ़ी को बचपन से ही भगवन्नाम-जप, ध्यान, मौन, प्राणायाम आदि का अभ्यास कराओ। इससे उनकी बुद्धि एकाग्र होती है और भीतरी सुषुप्त शक्तियाँ जाग्रत होने लगती
“जो भी कार्य करें, उसे पूरे मनोयोग से, दिल लगाकर करें। किसी भी काम को आलस्य या लापरवाही से बिगड़ने न दें। जो कर्म को पूरे मनोयोग से करता है उसका आत्मविकास होता है, उसकी