बाल संस्कार केन्द्र मतलब क्या ?
एक-एक बालक ईश्वर की अनंत शक्तियों का एक पुंज है । किसी में आद्य गुरु शंकराचार्य तो किसी में स्वामी रामतीर्थ, किसी में महात्मा बुद्ध तो किसी में महावीर स्वामी, किसी में विवेकानंद जी तो किसी में प्रधानमंत्री बनने की योग्यता छुपी है । आवश्यकता है केवल उन्हें सही दिशा देने की !! हम चाहते हैं कि ‘बाल संस्कार केन्द्र’ में बच्चों को ऐसा तेजस्वी बनायें कि देशवासियों के आँसू पोंछने के काम करें ये लाल और देश को फिर से विश्वगुरु के पद पर पहुँचायें ।
– पूज्य संत श्री आशारामजी बापू
बाल संस्कार केंद्र के लिए बापूजी का संदेश
हे भारत के वीर सपूतों ! आप भारत की शान, राष्ट्र की संपत्ती और देश का गौरव हैं । अपनी भक्ति और शक्ति ऐसा विकसित करें कि आपके अंदर वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप का स्वाभिमान जाग उठे.. परुष की भक्ति और योगशक्ति जाग उठे…. संत श्री लीलाशाहजी ने बापूजी की योगशक्ति तथा दिव्य दृष्टि को जगाया । ब्रह्मज्ञान और समाज की प्रगति….
हे वीरों ! हिम्मत करो, निडर बनो और गर्व करो कि तुम भारत के लाल हो । शोषितों एवं पीड़ितों की मदत करो… शोषकों का विरोध करो… देश के साथ गद्दारी करने वालों को सबक सिखाओ… और निडर होकर आत्मसाक्षात्कार करो । शाबाश वीरों ! शाबाश… भगवान और संतों का आशीर्वाद आपके साथ है ।