Sant Charandas Ji Story in Hindi from Biography
Sant Charandas Ji Maharaj Story in Hindi: { मनुष्य जीवन वह सुंदर महल है जिसमें बहुत घना अँधेरा छाया हुआ है और गुरुदीक्षा एवं गुरुज्ञान के दीपक बिना वह विकार-वासनाओं, दुःख-शोक से भरा बड़ा भयावह
Sant Charandas Ji Maharaj Story in Hindi: { मनुष्य जीवन वह सुंदर महल है जिसमें बहुत घना अँधेरा छाया हुआ है और गुरुदीक्षा एवं गुरुज्ञान के दीपक बिना वह विकार-वासनाओं, दुःख-शोक से भरा बड़ा भयावह
बंगाल में विपिन बिहारी भट्टाचार्य और मोक्षदा सुंदरी के घर एक कन्या का जन्म हुआ, नाम रखा निर्मला । निर्मला शुरू से ही ईश्वर के आनंद में मस्त रहती थी । गाँव में चूड़ी आदि
Shri Vallabhacharya Jayanti 2023 बूला मिश्र का जन्म लाहौर के एक सारस्वत ब्राह्मण के घर हुआ था । 10 वर्ष की उम्र में वह शास्त्राध्ययन के लिए काशी गया । उसे 3 साल तक पढ़ाने
पूज्यश्री बचपन से ही अलौकिक योग्यताओं के स्वामी रहे हैं । सरलता, विनम्रता, दृढनिश्चयी व हँसमुख स्वभाव, कुशाग्र बुद्धि, जिज्ञासा वृत्ति, माता-पिता व संत सेवा जैसे सद्गुण बचपन में ही बापूजी के जीवन में खिलने
Pujya Shri AsharamJi Bapu Ke Sadhak ka Anubhav (Experience) ➠ साध्वी सजनी बहन, जो पिछले 36 वर्षों से संत श्री आशारामजी महिला उत्थान आश्रम में सेवा-साधना परायण जीवन का सौभाग्य प्राप्त करते हुए अपना आध्यात्मिक
बापूजी को बचपन से ही सादगी प्रिय है। सफेद वस्त्र, सात्त्विक भोजन पसंद है। पूज्यश्री कभी-कभी व्रत भी करते थे और उसमें केवल फल या दूध लेते थे। बचपन में भी सफेद कुर्ता-पजामा पहनते थे।
पूज्य बापूजी की बचपन से ही ईश्वर-प्राप्ति की तड़प कितनी गजब की थी..! यह बच्चों को सुनाएँ,प्रभु भक्ति के संस्कार डालें। पूज्य बापूजी का घर में अलग से एक छोटा-सा पूजा का कमरा था,जिसमें बापूजी
( क्या आप अपने बच्चों को हर प्राणी में…. हर वस्तु में…. ईश्वर को देखने का नजरिया देना चाहते हैं ???? तो उन्हें तुलसीदासजी की जयंती पर यह प्रसंग जरूर सुनाएं । ) संत तुलसीदासजी
[A Short Story of Shri Guru Tegh Bahadur in Hindi on Special Day of Guru Tegh Bahadur Ji Shaheedi Diwas 2022] धर्म की रक्षा के लिए किया प्राणों का बलिदान… धरम हेत साका जिनि की
A Short Story of Trailanga Swami from Biography in Hindi: सन् 1880 ई. में उज्जैन-नरेश काशी-नरेश के अतिथि हुए । काशी-नरेश घाट किनारे का सौंदर्य दिखाने के लिए उन्हें अपने साथ बजरे (एक प्रकार की