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Bhai Dooj 2022: भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक

  • दीपावली के पर्व का पाँचवाँ दिन । यम व्दितीया अर्थात भाईदूज । भाईदूज भाइयों की बहनों के लिए एवं बहनों की भाइयों के लिए सद्भावना बढ़ाने का दिन है ।
  • हमारा मन एक कल्पवृक्ष है । मन जहाँ से फुरता है, वह चिद्घन चैतन्य सच्चिदानंद परमात्मा सत्यस्वरूप है । हमारे मन के संकल्प आज नहीं तो कल सत्य होंगे ही ।
  • किसीकी बहन को देखकर यदि मन में दुर्भाव आया हो तो भाईदूज के दिन उस बहन को अपनी ही बहन माने और बहन भी ‘पति के सिवाय सब पुरुष मेरे भाई हैं’ यह भावना विकसित करे और भाई का कल्याण हो- ऐसा संकल्प करे । भाई भी बहन की उन्नति का संकल्प करे । इस प्रकार भाई-बहन के परस्पर प्रेम और उन्नति की भावना को बढ़ाने का अवसर देनेवाला पर्व है भाईदूज ।

Bhai Dooj 2022 Special Videos

2022 Bhai Dooj Puja Vidhi
[Tilak Kaise Kare Bhaiya Ko]

  • भाईदूज का पर्व हमारे मन को उन्नत रखता है और परस्पर संकल्प देकर सुरक्षित भी करता है ।
  • बहन अपने भाई के ललाट पर तिलक करती है और संकल्प करती है कि “मेरा भैय्या त्रिलोचन बने, विकारों में न गिरे, अपनी सूझ-बूझ बढ़ाए, सुख दुःख में सम रहे और ॐ कारस्वरूप ईश्वर की शक्ति जागृत करें’ ।
  • भाई भी ‘मेरी बहन चारित्र्यवान बने,आध्यात्मिक मार्ग में आगे बढ़े’ ऐसा संकल्प करता है ।
  • इस दिन जो भाई अपनी बहन के हाथ का भोजन करता है, उसको यमदण्ड से मुक्ति मिल जाती है ।
– पूज्य संत श्री आशारामजी बापू

Bhai Dooj Katha Story in Hindi

यमराज, यमुना, तापी और शनि – ये भगवान सूर्य की संताने कही जाती हैं । किसी कारण से यमराज अपनी बहन यमुना से वर्षों दूर रहे । एक बार यमराज के मन में हुआ कि ‘बहन यमुना को देखे हुए बहुत वर्ष हो गये हैं ।’ अतः उन्होंने अपने दूतों को आज्ञा दी :

“जाओ जा कर जाँच करो कि यमुना आजकल कहाँ स्थित है ।”

यमदूत विचरण करते-करते धरती पर आये तो सही किंतु उन्हें कहीं यमुनाजी का पता नहीं लगा । फिर यमराज स्वयं विचरण करते हुए मथुरा आये ।