



Dhanteras 2021: लक्ष्मी जी का सही अर्थ में पूजन
- धनतेरस को लक्ष्मीजी का पूजन अर्थात् धन के दोषों को हरकर धन का सदुपयोग करने का संकल्प करना ।
- धन से विषय-विकारों में फँसना यह धन का दुरुपयोग है और धन से परमात्मा के रास्ते जाना, साधन-भजन में लगना, शास्त्र खरीदना, यथायोग्य दान-पुण्य करना – यह धन का सदुपयोग है ।
Dhanteras kab Hai [Kitne Tarikh Ko hai] | When is Dhanteras Date 2021
2 नवम्बर 2021, मंगलवार
Adhyatmik Dhanteras 2021
- आध्यात्मिक धनतेरस धनतेरस को बाहर की लक्ष्मी का पूजन धन, सुख-शांति व आंतरिक प्रीति देता है । जो भगवान की प्राप्ति में, नारायण में विश्रांति के काम आये वह धन व्यक्ति को अकाल सुख में, अकाल पुरुष में ले जाता है, फिर वह चाहें रूपये – पैसों का धन हो, चाहें गौ – धन हो, गजधन हो, बुद्धिधन हो या लोक – सम्पर्क धन हो ।
- धनतेरस को दीये जलाओगे …. तुम भले बाहर से थोड़े सुखी हो, तुमसे ज्यादा तो पतंगे भी सुख मनायेंगे लेकिन थोड़ी देर में फड़फड़ाकर जल – तप के मर जायेंगे । अपने – आप में, परमात्मसुख में तृप्ति पाना, सुख – दुःख में सम रहना, ज्ञान का दीया जलाना – यह वास्तविक धनतेरस, आध्यात्मिक धनतेरस है ।
- धनतेरस को लक्ष्मी जी का पूजन होता है । 64 दुर्गुण होते हैं धन में ( अहंकार, भोग, लोभ आदि ) और 16 सद्गुण ( गुरुजनों, माता पिता की सेवा, धर्म की रक्षा आदि ) हैं । तो भारतीय संस्कृति ने हर वस्तु के सद्गुणों का हिस्सा अपने जीवन में लाने की सुंदर व्यवस्था की है ।
Why Dhanteras is Celebrated [Significance of Dhanteras]
- कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन को ‘धनतेरस’ कहते हैं । धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि ने दुःखी जनों के रोग-निवारणार्थ आयुर्वेद का प्राकट्य किया था ।
- इस दिन संध्या के समय घर के बाहर हाथ में जलता हुआ दीप लेकर भगवान यमराज की प्रसन्नता हेतु उन्हें इस मंत्र के साथ दीपदान करना चाहिए । इससे अकाल मृत्यु नहीं होती ।
- इस दिन यमराज की प्रसन्नता हेतु उन्हे इस मंत्र के साथ दीपदान करना चाहिये-
मृत्युना पाशदण्डाभ्याम् कालेन श्यामया सह ।
त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम ॥
- (त्रयोदशी के इस दीपदान के पाश और दण्डधारी मृत्यु तथा काल के अधिष्ठाता देव भगवान देव यम, देवी श्यामला सहित मुझ पर प्रसन्न हों ।)
- यमराज को दो दीपक दान करने चाहिए व तुलसी के आगे दीपक रखना चाहिए । इससे दरिद्रता मिटाने में मदद मिलती है ।
Dhanteras Puja Vidhi [How to do Dhanteras Puja], Muhurat Timing 2021
Dhanteras Puja Samagri
दक्षिणावर्ती शंख, केसर, गंगाजल का पात्र, धूप, अगरबत्ती, दीपक, लाल वस्त्र ।
Dhanteras Mantra [Laxmi Prapti Puja Mantra on Dhanteras 2021]
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महालक्ष्मी धनदा लक्ष्मी कुबेराय मम गृह स्थिरो ह्रीं ॐ नमः ।
Dhanteras ki Puja Kaise Kare
साधक अपने सामने गुरुदेव या लक्ष्मी जी की फोटो रखें तथा उनके सामने लाल रंग का वस्त्र (रक्त कन्द) बिछाकर उस पर दक्षिणावर्ती शंख रख दें । उस पर केशर से सतिया बना लें तथा कुमकुम से तिलक कर दें । बाद में स्फटिक की माला से मंत्र की सात मालायें करें । तीन दिन ऐसा करना योग्य है । इतने से ही मंत्र साधना सिद्ध हो जाती है । मंत्र जप पुरा होने के पश्चात लाल वस्त्र में शंख को बाँधकर घर में रख दें । जब तक वह शंख घर मे रहेगा, तब तक घर में निरंतर उन्नति होती रहेगी।
What to Buy on Dhanteras 2021 [Kya Kharidna Chaiye, Kya Kare]

- लोग रुपये-पैसों को धन मानते हैं, यह बहुत छोटी बात है क्योंकि उससे महत्वपूर्ण आरोग्य-धन है । पहला सुख निरोगी काया… तबीयत अच्छी नहीं तो रुपये-पैसे क्या कर लेंगे ! आरोग्य-धन की सुरक्षा करना भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य दिवस मनाना है ।
- धनतेरस को यमराज के लिए प्रांगण में नैवेद्य धर देना, दीपदान कर देना । धन्वंतरि महाराज को भी नैवेद्य अर्पण कर प्रेम से बोलना : ‘हमारा आयुवर्धन, आरोग्य की पुष्टि करने वाले धन्वंतरि महाराज ! आपको भोग लगे ।
ॐ आरोग्यप्रदायकाय नमः ।
- फिर आप भी थोड़ा खाओगे तो आपकी रात सुखदायी होगी ।
Some FAQ’s for Dhanteras 2021 [धनतेरस शंका समाधान ]
साधक अपने सामने गुरुदेव या लक्ष्मी जी की फोटो रखें तथा उनके सामने लाल रंग का वस्त्र (रक्त कन्द) बिछाकर उस पर दक्षिणावर्ती शंख रख दें । उस पर केशर से सतिया बना लें तथा कुमकुम से तिलक कर दें । बाद में स्फटिक की माला से मंत्र की सात मालायें करें । तीन दिन ऐसा करना योग्य है । इतने से ही मंत्र साधना सिद्ध हो जाती है । मंत्र जप पुरा होने के पश्चात लाल वस्त्र में शंख को बाँधकर घर में रख दें । जब तक वह शंख घर मे रहेगा, तब तक घर में निरंतर उन्नति होती रहेगी।
लक्ष्मी पूजन की मंत्रो सहित संक्षिप्त विधि जानने के लिए Click Here
शास्त्र खरीदना चाहिए साथ ही धन का सत्कार्य में सदुपयोग करना चाहिए ।
धनतेरस को लक्ष्मी जी का पूजन होता है । धनतेरस को लक्ष्मीजी का पूजन अर्थात् धन के दोषों को हरकर धन का सदुपयोग करने का संकल्प करना । व्रत करो और संध्याकाल में लक्ष्मी पूजन करो ।
लक्ष्मी पूजन की मंत्रो सहित संक्षिप्त विधि जानने के लिए Click Here
इस दिन संध्या के समय घर के बाहर हाथ में जलता हुआ दीप लेकर भगवान यमराज की प्रसन्नता हेतु उन्हें दीपदान करना चाहिए । इससे अकाल मृत्यु नहीं होती ।
और भी क्या करें जाने वीडियो से…
2 नवम्बर 2021, मंगलवार
धनतेरस में दियो की गिनती ज़रूरी नही कितने भी जला सकते है