Narak Chaturdashi | Choti Diwali 2024
नरक चतुर्दशी के दिन चतुर्मुखी दीप का दान करने से नरक भय से मुक्ति मिलती है । एक चार मुख ( चार लौ ) वाला दीप जलाकर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिये –
“दत्तो दीपश्वचतुर्देश्यां नरकप्रीतये मया ।
चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये ॥”
- ( आज नरक चतुर्दशी के दिन नरक के अभिमानी देवता की प्रसन्नता के लिये तथा समस्त पापों के विनाश के लिये मैं चार बत्तियों वाला चौमुखी दीप अर्पित करता हूँ । )
- काली चौदस की रात जप-तप के लिए बहुत मुक्तिकारक मुहूर्त माना गया है । नरक चतुर्दशी की रात्रि में मंत्रजप करने से मंत्र सिद्ध होता है । यह रात्रि मंत्र-जापकों के लिए वरदानस्वरूप है ।
- इस रात्रि में काली चौदस को सरसों के तेल/घी का दिया जलाकर काजल बनाकर लगाने से नजर नहीं लगती, नेत्र ज्योति बढ़ती है और भूत-बाधा भाग जाती है ।
- लक्ष्मीजी की प्रसन्नता के लिए काली चौदस की रात्रि में ‘श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा । ‘ मंत्र का जप करने से लाभ होता है ।
- परमात्मप्राप्ति की इच्छा वाले को काली चौदस की रात्रि में श्रद्धा एवं तत्परता से ॐ का, अपने गुरुमंत्र का अर्थसहित जप करना चाहिए ।
- नरक चतुर्दशी, होली, जन्माष्टमी, शिवरात्रि – इन चारों महारात्रियों में अहोभाव से भगवान की स्मृति करें। इन रात्रियों में भूलकर भी संसार-व्यवहार नहीं करना चाहिए नहीं तो बड़ा भारी पाप लगता है ।
- इन रात्रियों को भगवत्सुमिरन पापों के समूह को नाश करके अच्छा विवेक देता है । जो विवेक का आदर करता है उसका विवेक बढ़ता है और अंत में भगवत्प्राप्ति हो जाती है । जो विवेक का आदर नहीं करता उसका विवेक दबता जाता है ।
Pujya Bapuji's Message on Kali Chaudas 2024
- काली चौदस (नरक चतुर्दशी) को हनुमानजी ने अहिरावण को मारा था । नरकासुर ने कन्याओं को कैद कर रखा था । भगवान श्रीकृष्ण ने नरक चतुर्दशी को नरकासुर का वध किया और कन्याओं को कैद से छुड़ाया ।
- हमारे चित्त में भी नरकासुर है । उसका वध हो जाए तो हमारे लिए सदा के लिए दिवाली हो जायेगी ।
- सात्विक वृत्तियों को, शुभ भावनाओं को कैद करने वाला जो अहंकार है, उसका वध श्रीकृष्ण कर डालें अर्थात् श्रीकृष्ण-तत्व के ज्ञान-प्रकाश में अगर नरकासुर (अहंकार) मर जाए तो हमारे लिए दिवाली सदा-सदा के लिए होगी ।
- शिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी और नरक चतुर्दशी – इन चार महारात्रियों में मंत्र जप करने से शीघ्र सफलता मिलती है ।
Choti Diwali Pooja Vidhi in Hindi [Anant Chaturdashi Puja Kaise Kare]
Narak Chaturdashi Ko Kya Kare Kya Nahi Kare?
नारकीय यातनाओं से रक्षा हेतु
Some FAQ’s for Nark Chaturdashi Novemvber 2024 [ नरक चतुर्दशी शंका समाधान ]
इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर 2024 को है।
नरक चतुर्दशी के दिन चतुर्मुखी दीप का दान करने से नरक भय से मुक्ति मिलती है । नरक चतुर्दशी की रात्रि में मंत्रजप करने से मंत्र सिद्ध होता है । परमात्मप्राप्ति की इच्छा वाले को काली चौदस की रात्रि में श्रद्धा एवं तत्परता से ॐ का, अपने गुरुमंत्र का अर्थसहित जप करना चाहिए । कार्तिक मास में तेल नहीं लगाना चाहिए, फिर भी नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है। ‘सनतकुमार संहिता’ एवं धर्मसिन्धु ग्रन्थ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है । जो इस दिन सूर्योदय के बाद स्नान करता है उसके शुभ कर्मों का नाश हो जाता है ।
नरक चतुर्दशी, होली, जन्माष्टमी, शिवरात्रि – इन चारों महारात्रियों में अहोभाव से भगवान की स्मृति करें। इन रात्रियों को भगवत्सुमिरन पापों के समूह को नाश करके अच्छा विवेक देता है । जो विवेक का आदर करता है उसका विवेक बढ़ता है और अंत में भगवत्प्राप्ति हो जाती है । जो विवेक का आदर नहीं करता उसका विवेक दबता जाता है ।
एक चार मुख ( चार लौ ) वाला दीप जलाकर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिये –
“दत्तो दीपश्वचतुर्देश्यां नरकप्रीतये मया ।
चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये ॥“
लक्ष्मीजी की प्रसन्नता के लिए काली चौदस की रात्रि में ‘श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा । ‘ मंत्र का जप करने से लाभ होता है ।