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Narak Chaturdashi | Choti Diwali 2022

“दत्तो दीपश्वचतुर्देश्यां नरकप्रीतये मया ।
चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये ॥”

Pujya Bapuji's Message on Kali Chaudas 2022

Choti Diwali Pooja Vidhi in Hindi [Anant Chaturdashi Puja Kaise Kare]

Narak Chaturdashi Ko Kya Kare Kya Nahi Kare?

नारकीय यातनाओं से रक्षा हेतु

यद्यपि कार्तिक मास में तेल नहीं लगाना चाहिए, फिर भी नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है। ‘सनतकुमार संहिता’ एवं धर्मसिन्धु ग्रन्थ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है । जो इस दिन सूर्योदय के बाद स्नान करता है उसके शुभ कर्मों का नाश हो जाता है ।

Some FAQ’s for Nark Chaturdashi Novemvber 2022 [ नरक चतुर्दशी शंका समाधान ]

When is Naraka Chaturdashi 2022 ?

इस साल नरक चतुर्दशी 23 अक्टूबर 2022 को है।

नरक चतुर्दशी के दिन चतुर्मुखी दीप का दान करने से नरक भय से मुक्ति मिलती है । नरक चतुर्दशी की रात्रि में मंत्रजप करने से मंत्र सिद्ध होता है । परमात्मप्राप्ति की इच्छा वाले को काली चौदस की रात्रि में श्रद्धा एवं तत्परता से ॐ का, अपने गुरुमंत्र का अर्थसहित जप करना चाहिए । कार्तिक मास में तेल नहीं लगाना चाहिए, फिर भी नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है। ‘सनतकुमार संहिता’ एवं धर्मसिन्धु ग्रन्थ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है । जो इस दिन सूर्योदय के बाद स्नान करता है उसके शुभ कर्मों का नाश हो जाता है ।

Importance of Naraka Chaturdashi

नरक चतुर्दशी, होली, जन्माष्टमी, शिवरात्रि – इन चारों महारात्रियों में अहोभाव से भगवान की स्मृति करें। इन रात्रियों को भगवत्सुमिरन पापों के समूह को नाश करके अच्छा विवेक देता है । जो विवेक का आदर करता है उसका विवेक बढ़ता है और अंत में भगवत्प्राप्ति हो जाती है । जो विवेक का आदर नहीं करता उसका विवेक दबता जाता है ।

एक चार मुख ( चार लौ ) वाला दीप जलाकर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिये –
“दत्तो दीपश्वचतुर्देश्यां नरकप्रीतये मया ।
चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये ॥“
लक्ष्मीजी की प्रसन्नता के लिए काली चौदस की रात्रि में ‘श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा । ‘ मंत्र का जप करने से लाभ होता है ।