गुरु बिन भव निधि तरइ न कोई – Shri Ramcharitmanas ʹश्रीरामचरित मानसʹ (Shri Ramcharitmanas) में आता है :- गुरु बिन भव निधि तरइ न कोई । जौ बिरंचि संकर सम होई ।। “गुरु के बिना कोई भवसागर नहीं तर सकता, चाहें वह ब्रह्माजी और शंकरजी Read More »