आप कौन सा जीवन पसंद करेंगे
महामना मदनमोहन मालवीयजी उनके विश्वविद्यालयों के युवकों से ब्राह्ममुहूर्त में उठने का आग्रह रखते थे।
उनके जीवन की एक घटना है। शीतकाल में
प्रात: आठ बजे एक ब्राह्मण युवक मौलिन्द्र उनसे मिलने आया। उसे अंदर आने की अनुमति मिली। मालवीय जी उस समय पूजा में बैठे थे। युवक ने अंदर जाकर प्रणाम किया। उसके माथे पर तिलक न देख उन्होंने इसका कारण पूछा।