पूज्य बापूजी की बचपन से ही ईश्वर-प्राप्ति की तड़प कितनी गजब की थी..! यह बच्चों को सुनाएँ,प्रभु भक्ति के संस्कार डालें। पूज्य बापूजी का घर में अलग से एक छोटा-सा पूजा का कमरा था,जिसमें बापूजी
अम्मा जी ने बालक आसुमल (Balak Asumal) को लाड़-प्यार देने के साथ उनमें भक्ति के संस्कारों का सिंचन कर दिया । बाल्यावस्था (Childhood) में ही उनके चेहरे पर विलक्षण कांति तथा नेत्रों में अद्भुत तेज