आदर्श-दिनचर्या | Ideal Routine in hindi
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलम्।। “जो व्यक्ति माता-पिता एवं गुरूजनों को प्रणाम करते हैं और उनकी सेवा करते हैं उनकी आयु, विद्या, यश तथा बल – चार पदार्थ बढ़ते हैं।”
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलम्।। “जो व्यक्ति माता-पिता एवं गुरूजनों को प्रणाम करते हैं और उनकी सेवा करते हैं उनकी आयु, विद्या, यश तथा बल – चार पदार्थ बढ़ते हैं।”
बच्चे जैसा देखते हैं, जैसा सुनते हैं देर-सवेर वैसी दिशा में जाते हैं । गंदी फिल्में देखकर हमारे ऊँचे संस्कार वाले बच्चों के जीवन का ह्रास न हो और उनमें अच्छे संस्कार पड़ें इस हेतु