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प्रभुप्रीति की डोर टूटने न पाये | Satguru Waheguru Prem

राजा सूर्यसेनमल संत पीपा जी (Sant Pipa ji) का भक्त था लेकिन उसके राज्य में कुछ लोग पीपा जी से बहुत द्वेष करते थे। एक दिन दरबारियों व कुछ निंदकों ने भरे दरबार में संत

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