Mantra Jap se Shastra Gyan: Ram Valabh Sharan- HanumanJi Samvad
स्वामी अखंडानंद जी सरस्वती संत ‘जानकी’ घाटवाले बाबा के दर्शन करने के लिए जाते थे । उन्होंने अखंडानंदजी (ये अपने आश्रम में भी आये थे) को यह घटना बतायी थी कि रामवल्लभशरण इतने महान पंडित
स्वामी अखंडानंद जी सरस्वती संत ‘जानकी’ घाटवाले बाबा के दर्शन करने के लिए जाते थे । उन्होंने अखंडानंदजी (ये अपने आश्रम में भी आये थे) को यह घटना बतायी थी कि रामवल्लभशरण इतने महान पंडित
श्रीमद् भागवत [Shrimad Bhagwat] में आता है: सांकेत्यं पारिहास्यं वा स्तोत्रं हेलनमेव वा ।वैकुण्ठनामग्रहणमशेषधहरं विटुः ।।पतितः स्खलितो भग्नः संदष्टस्तप्त आहतः ।हरिरित्यवशेनाह पुमान्नार्हति यातनाम् ।। ‘भगवान का नाम चाहें जैसे लिया जाए- किसी बात का संकेत