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saccha heera

सच्चा हीरा

संध्या का समय था । गाँव की चार स्त्रियाँ पानी भरने के लिए अपने-अपने घड़े लेकर कुएँ पर पहुँचीं । पानी भरने के साथ-साथ वे आपस में बातें भी कर रही थीं ।  उनमें से

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