Jaisi Karni Waisi Bharni Meaning with a Story in Hindi करम प्रधान बिस्व करि रखा। जो जस करइ सो तस फलु चाखा । (श्रीरामचरित अयो. का. 218.2) कर्म की अपनी कोई स्वतंत्र सत्ता नहीं है क्योंकि वह जड़ है । कर्म को यह पता नहीं Read More »