Some FAQ’s for Lunar Eclipse 2023 [Chandra Grahan] शंका समाधान
- ग्रहणकाल में स्पर्श किए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी पहने हुए वस्त्र सहित स्नान करना चाहिए ।
- आसन, गोमुखी व मंदिर में बिछा हुआ कपड़ा भी धो दें । और दूषित औरा के शुद्धिकरण हेतु गोमूत्र या गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में कर सकें तो अच्छा है ।
ग्रहण के समय नहीं सोना चाहिए , जो नींद करता है उसको रोग जरूर पकड़ेगा, उसकी रोगप्रतिकारकता का गला घुटेगा ।
सूतक से पहले ही तुलसी पत्र कुशा आदि तोड़कर रख लें (अनाज, खाद्य पदार्थों में रखने हेतु) ,
ध्यान रखें कि दूध में कभी भी तुलसी पत्र नहीं डाला जाता ।
नोट : रविवार को तुलसी न तोड़ सकते हैं न खा सकते हैं ।
नोट : अमावस्या को भी किसी वृक्ष से फल फूल पत्र आदि तोड़े नहीं जाते हैं ।
ग्रहण काल अथवा सूतक काल में जल नहीं चढ़ाना है ।
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गर्भिणी पर ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ता है । विस्तृत में जाने : Click Here
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खग्रास चन्द्रग्रहण (8 नवम्बर 2022)
2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवम्बर को है और भारत में दिखेगा ।
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सूतक लगने से पहले ही पानी में कुशा आदि डाल दें जिससे सूतक के कारण पानी अशुद्ध न हो ।
सुबह पानी पी लीजिये, क्योंकि 2 घण्टे के अंदर अंदर यह पानी पसीने व लघुशंका आदि के द्वारा शरीर से बाहर चला जायेगा ।
जला सकते हैं ।