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bhagavad gita

श्रीमद् भगवद् गीताʹ पर महापुरुषों के उदगार | Shrimad Bhagwad Gita Review

● गीता, गंगा और गाय को महत्त्व देने से ही देश का सर्वांगीण विकास होगा। ये तीनों भारत की संस्कृति के प्रतीक हैं।       – पूज्य संत श्री आशारामजी बापू  ● भगवान श्री

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Sant Teuram

कैसा है वह सुहृद ?? | Sant Teuram (Swami Teoonram) Ki Prabhu Bhakti

सिंध टंडा आदम में जब साँईं टेऊँरामजी (Sai Teoonram) के श्री अमरापुर दरबार का निर्माण कार्य चल रहा था तो वे स्वयं बालू के टीले पर रहते थे । लोग आते और दर्शन करते ।

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हरि व्यापक सर्वत्र समाना…

ईश्वर की सच्ची भक्ति, प्रीति गुरुज्ञान का सहज में अधिकारी बना देती है… यह संदेश देती हुई कहानी बच्चों को जरूर सुनाएँ । गुजरात में नारायण प्रसाद नाम के एक वकील रहते थे । वकील

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कीमत….. सिकंदर के साम्राज्य और मनुष्य-जीवन की …!!

▪एक बार सिकंदर की मुलाकात एक आत्ममस्त संत से हो गयी। धन-वैभव के नशे से मतवाले बने सिकंदर के हावभाव देखकर उन्होंने कहा : ‘‘सिकंदर ! तूने जो इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया है,

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संत की दयालुता और प्रकृति की न्यायप्रियता

  एक बार अक्कलकोट (महा.) वाले श्री स्वामी समर्थ जंगल में एक वृक्ष के नीचे आत्मानंद की मस्ती में बैठे थे। आसपास हिरण घास चर रहे थे। इतने में कुछ शिकारी आ गये। उन्हें देखते

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कुशलतापूर्वक कर्म से सफलता | Motivational Story Hindi

आज हम जानेंगे : स्वप्न में मिली ईश्वर की आज्ञापालन का चमत्कार !! एक आस्तिक व्यक्ति ने एक रात्रि को स्वप्न में देखा कि ईश्वर उसके सम्मुख खड़े होकर कह रहे हैं– “तुम्हारी मेरे प्रति

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संत की करुणा कृपा से बदला जीवन| Life Changing Experience by Guru

एक व्यक्ति प्रायः साधु – संतों की खिल्ली उड़ाया करता था। वह एक बार अपने एक मित्र के कहने पर श्री देवराहा बाबा के दर्शन करने जा रहा था। एक परिचित ने पूछा : “कहाँ

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संत सताये तीनों जाये

आज हम जानेंगे : कैसे एक संत को सताने से एक काजी अपने प्राण गँवा बैठा ? मुगलों के समय की घटना है । संत दादू दीनदयालजी सांभर (जि. उदयपुर, राज.) में ठहरे हुए थे

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balak dhruv

बच्चों को बचपन में दें कैसे संस्कार | Bhakt Dhruv ki katha

अगर माता सुनीति चाहतीं तो ध्रुव में प्रतिशोध की भावना भी भर सकती थीं पर उन्होंने नन्हें से बालक को भगवद्भक्ति के संस्कार दिए । राजा उत्तानपाद की दो रानियाँ थीं । प्रिय रानी का

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जिन्होंने पिलाया भक्तिरस,उन्हें हमने क्या दिया

” किसी भी संत की जीवन-गाथा देखेंगे तो यह जानने को मिलेगा कि उन्हें अपने जीवन में कई यातनाएँ सहनी पड़ीं । भक्तिमती मीराबाई भी ऐसी ही एक संत थीं जिन्होंने अपने जीवन में बहुत अधिक

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