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sant tukaram ji story

Sant Tukaram Ji Ke Sath Kitna Anyaay Kia Tha – Story in Hindi

Sant Tukaram Story in Hindi/ Marathi : संत तुकाराम जी के साथ तो कितना घोर अन्याय किया था निंदकों ने ! शिवबा कासर जो पहले तुकाराम जी की निंदा करता था, बाद में उनका भक्त

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kabir das ji dohe

Kabir Das Dohe in Hindi- नाव पानी में रहे, पर पानी नाव में नही

एक बार संत कबीर जी ने एक किसान से कहाः “तुम सत्संग में आया करो।” किसान बोलाः “हाँ महाराज ! मेरे लड़के की सगाई हो गयी है, शादी हो जाये फिर आऊँगा।” लड़के की शादी

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sa vidya ya vimuktaye

विद्या वही जो बंधनों से मुक्त करे | “Sa Vidya Ya Vimuktaye” Meaning in Hindi

जो भगवान के शुद्ध ज्ञान में शांत रहना सीखता है, मिले हुए सामर्थ्य का सदुपयोग करता है उसके जीवन में शक्तियाँ आती हैं और निर्भयता आती हैं । ऐसा नहीं कि मिली हुई सुविधा का

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bodh katha

सेठ की समझ | Sache Seth Ki Bodh Katha (Great sense of Seth -Hindi Story)

“जिसके जीवन में सत्संग है, वही यह बात समझ सकता है।” -पूज्य संत श्री आशारामजी बापू किसी सेठ [Seth] ने एक महात्मा से कई बार  प्रार्थना की कि ‘आप हमारे घर में अपने श्रीचरण घुमायें।’

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Guru Gobind Singh ji

गुरु गोविन्द सिंह जी की निर्मोहिता | Short Story of Guru Gobind Singh Ji in Hindi

~पूज्य संत श्री आशारामजी बापू गोविंद सिंह जी (Guru Gobind Singh Ji) बाल्यावस्था से ही मोह-माया में लिप्त नहीं होते थे। एक बार उनकी माता गुजरी देवी ने उनके हाथों में सोने के बहुमूल्य कंगन

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mahatama bhuri bai

भूरीबाई का अनोखा प्रयोग | Mahatma Bhuri Bai Ke Jivan Ka Anokha Prasang

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।कहैं कबीर गुरु पाइये, मन ही के परतीत।। -पूज्य संत श्री आशारामजी बापूजी यह घटना राजस्थान की प्रसिद्ध संत भूरीबाई (Bhuri Bai) के साधनाकाल की है। एक

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shankaracharya articles

बालक शंकर का तीव्र वैराग्य | Jagadguru Shri Adi Shankaracharya Jivan Charitra

गुरु-सन्देश~ गुरुकृपा ही केवलम्  शिष्यस्य परम् मंगलम् । श्रीमद् आद्यशंकरचार्यजी (Jagadguru Shri Adi Shankaracharya) बचपन से ही बहुत शांत, धीर और तीक्ष्ण बुद्धि के थे। वे श्रुतिधर थे अर्थात् सुनी या पढ़ी हुई हर बात

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‘क्या है वास्तविक सौंदर्य’ एक राजकुमारी | Jain Tirthankar

“दुर्गन्ध पैदा करने वाले इन खाद्यान्नों से बनी हुई चमड़ी पर आप इतने फिदा हो रहे हो तो….” जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हो चुके हैं। उनमें एक राजकन्या भी तीर्थंकर  हो गयी, जिसका

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