Baccho Ko Anushasan, Sanskar Kaise De [Galtiya Kaise Bataye]
महात्मा हरिद्रुमत गांधार देश की ओर जा रहे थे । मार्ग में एक ऐसा गाँव पड़ा जहाँ सभी लोग बूढ़े, जवान, स्त्रियाँ और बच्चे भी भगवान को प्रेम करने वाले. भगवान की भक्ति करने वाले
महात्मा हरिद्रुमत गांधार देश की ओर जा रहे थे । मार्ग में एक ऐसा गाँव पड़ा जहाँ सभी लोग बूढ़े, जवान, स्त्रियाँ और बच्चे भी भगवान को प्रेम करने वाले. भगवान की भक्ति करने वाले
पटना (बिहार) में एक संयमी, सदाचारी सज्जन रहते थे – बाबू रामदास । वे सरकारी नौकरी में ऊँचे पद पर थे । उनका पाँच वर्ष का पुत्र था कालिदास । रामदासजी अपने पुत्र में अच्छे