पंडित हरदयाल जी का जीवन कैसे कृतार्थ हुआ – Pandit Hardayal Ji ?
भर्तृहरि महाराज को जब परमात्मा का साक्षात्कार हुआ तो उन्होंने कलम उठायी और 100 श्लोकों वाला एक शतक लिखा-“वैराग्य शतक”। उसका अनुवाद किया पंडित हरदयाल जी ने। पंडित हरदयाल संस्कृत शास्त्रों का इतना बढ़िया काव्यात्मक