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Swami Lilashah Ji

जहाँ भी रहे…. अपनी महिमा में मस्त | A Short Life Story on Swami Lilashah Ji

जिसने अपने में ही आत्मतृप्ति का अनुभव कर लिया हो उसे कभी कोई हानि नहीं पहुँचा सकता। वे जहाँ भी रहते हैं वहाँ अपनी महिमा में ही मस्त रहते हैं। एक बार पूज्य बापूजी (साईं

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