Mantra Jap se Shastra Gyan: Ram Valabh Sharan- HanumanJi Samvad
स्वामी अखंडानंद जी सरस्वती संत ‘जानकी’ घाटवाले बाबा के दर्शन करने के लिए जाते थे । उन्होंने अखंडानंदजी (ये अपने आश्रम में भी आये थे) को यह घटना बतायी थी कि रामवल्लभशरण इतने महान पंडित
स्वामी अखंडानंद जी सरस्वती संत ‘जानकी’ घाटवाले बाबा के दर्शन करने के लिए जाते थे । उन्होंने अखंडानंदजी (ये अपने आश्रम में भी आये थे) को यह घटना बतायी थी कि रामवल्लभशरण इतने महान पंडित
मंत्र सिद्धि का अचूक उपाय :- जपमाला पूजा शास्त्रों के अनुसार जपमाला जाग्रत होती है, यानी वह जड़ नहीं, चेतन होती है। माना जाता है कि देव शक्तियों के ध्यान के साथ हाथ, अंगूठे या
Benefits Of Mantra Chanting based on Science/ Scientific Facts (Om, Gayatri Mantra Ke Fayde Science नानकजी ने बड़ी ही सुंदर बात कही है : भयनाशन दुर्मति हरण कलि में हरि को नाम ।निशदिन नानक जो
Powerful Saraswati Mantras for Education and Knowledge in Hindi [Vidhya Labh Yog 26 June 2021] : ● विद्या लाभ व अद्भुत विद्वत्ता की प्राप्ति का उपाय :- ‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम
“मैंने पूज्य बापूजी से ‘सारस्वत्य मंत्र’ की दीक्षा ली है । जब मैं पूजा करता हूँ, बापूजी मेरी तरफ पलकें झपकाते हैं । मैं बापूजी से बातें करता हूँ। मैं रोज दस माला जप करता
Om Chanting Meditation Health Benefits Scientific Research in Hindi. Let’s Learn scientist’s Research on Om Chanting Meditation Benefits for Brain. फ्रांस के वैज्ञानिक डॉ. एंटोनी बोविस ने बायोमीटर ( ऊर्जा मापक यंत्र ) का उपयोग
“मैं बारहवीं का छात्र हूँ । पहले मैं पढ़ाई में बहुत कमजोर था। खेलकूद तथा स्कूल की किसी भी प्रवृत्ति में मेरा मन नहीं लगता था। सन् 2006 में माता-पिता ने मुझे पूज्य बापू जी
मैंने सन् २००८ में ५ वर्ष की उम्र में पूज्य बापूजी से सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा ली थी, तब से नियमित रूप से मंत्र जप करता हूँ। कक्षा ४ से १० तक की पढ़ाई मैंने
मंत्रदीक्षा के समय विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र और अन्य दीक्षार्थियों को वैदिक मंत्र की दीक्षा देते हैं। सारस्वत्य मंत्र के जप से बुद्धि कुशाग्र बनती है और विद्यार्थी मेधावी होता है। सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा
एक बार नारद जी ने भगवान ब्रह्मा जी से कहाः
“ऐसा कोई उपाय बतलाइए, जिससे मैं विकराल कलिकाल के काल जाल में न फँसूं।”
इसके उत्तर में ब्रह्माजी ने कहाः
आदिपुरुषस्य नारायणस्य नामोच्चारणमात्रेण निर्धूत कलिर्भवति।