नरेंद्र की सच्चाई | Swami Vivekanand always Practice the Truth
नरेंद्र नाम का एक सात वर्ष का लड़का था, हमेशा सच बोलना उसके जीवन का आदर्श था। एक बार जब शिक्षक कक्षा में पढ़ा रहे थे कुछ लड़के आपस में बातें कर रहे थे…. शिक्षक
नरेंद्र नाम का एक सात वर्ष का लड़का था, हमेशा सच बोलना उसके जीवन का आदर्श था। एक बार जब शिक्षक कक्षा में पढ़ा रहे थे कुछ लड़के आपस में बातें कर रहे थे…. शिक्षक
आज हम जानेंगे : ऐशो-आराम और विलासिता में डूबने पर कितने भयंकर परिणाम आते हैं। वेसेक्स (वर्तमान इंग्लैंड का एक भाग) का प्रसिद्ध राजा अल्फ्रेड अपनी कुल परंपरा के अनुसार राजगद्दी पर बैठा। बैठने के
अपनी दिव्य संस्कृति भूलकर हम विदेशी कल्चर के चक्कर में फँस गये हैं । लॉर्ड मैकाले की कूटनीति ने भारत की शक्ति को क्षीण कर दिया है । मैकाले जब भारत देश में घूमा तब
A Moral Story – Who is great : “Luck or Effort” ? एक संत ने सत्संग में कहा : ‘‘मनुष्य का उत्थान पुरुषार्थ तथा पराक्रम से सिद्ध होता है ।” केवल दैव (प्रारब्ध) को माननेवाला
Anandamayi Ma Teachings for kids बच्चों को बचपन से ही धर्म-शिक्षा देनी चाहिए…। तुम लोग बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के लिए कितना प्रयत्न करते हो ताकि बड़े होकर वे उपार्जनशील हो सकें लेकिन उन्हें धार्मिक शिक्षा
❀ गुरु-सन्देश – ★ आत्मनिर्भरता (Self Reliance) का अभ्यास बनाये रखना चाहिए । इससे मनोबल, भावबल, बुद्धिबल सुविकसित होते हैं । जरा-जरा से काम में यदि दूसरों का मुँह ताकने की आदत पड़ जायेगी तो
छुट्टियों का कैसे करें सदुपयोग कोरोना वायरस की महामारी के चलते अभी पूरे देश में लॉक डाउन होने से बच्चों-बड़ों सभी को घर पर ही रहना पड़ रहा है। तो इस समय को सोने में,
“बेटे-बेटी को जन्म देना, पाल-पोसकर बड़ा करना, पढ़ाना-लिखाना एवं अपने पैरों पर खड़ा कर देना… बस, केवल यही पुरुषार्थ नहीं है । इतना तो चूहा, बिल्ली आदि प्राणी भी कर लेते हैं। किन्तु बेटे-बेटी को
“जिस क्षण आप निज विवेक का आदर करेंगे उसी क्षण आपके सब दुःख दूर हो जायेंगे।” -पूज्य संत श्री आशारामजी बापूजी अंग्रेजी शासन में न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानाडे (Justice Mahadev Govind Ranade) का नाम सुविख्यात
…..~पूज्य संत श्री आशारामजी बापूजी एक बार लक्ष्मीजी पृथ्वी पर आयीं। लोग बैठे थे। आलसी थे। कह दिया, “माँ की जय हो।” लक्ष्मी जी ने उन सबके घर सुवर्ण से भर दिया। यह देखकर पृथ्वी