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तूफान का रुख मोड़ दे, ऐसे वीर हैं हम

भारत जब अंग्रेजों के अधीन था तो सत्ता के मद में अंग्रेज भारतियों से बड़ा ही घृणित व्यवहार करते थे, भारतवासियों को बहुत ही नीची दृष्टि से देखते थे ।   गुरुकुल कांगडी (हरिद्वार) के कुछ

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उन्नति की सीढ़ी

Ladder of Achievement   यह सब पूज्य बापूजी की करुणा-कृपा का परिणाम है, अन्यथा कहाँ तो नकल मारकर पास होने वाला विद्यार्थी और कहाँ आई.ए.एस की कठिन परीक्षा ! पहले में पढ़ने में बहुत कमजोर

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पूजनीया माँ महँगीबाजी की विरह-वेदना

आज हम जानेंगे : अम्माजी की पूज्य बापूजी में निष्ठा और सच्चे हृदय की प्रार्थना बापूजी को खींच के लेके आयी। परम पूजनीया माँ महँगीबाजी की पूज्य बापूजी में ऐसी अनोखी श्रद्धा एवं दृढ गुरुभक्ति

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देश गुलाम होते हुए भी नवयुवक ने विदेश में अपने देश का झण्डा फहराया!!

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झण्डा ऊँचा रहे हमारा… जानकीदास मेहरा नाम का एक नवयुवक था। बड़े परिश्रम के बाद सन् 1946 में ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड) में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए चुना  गया । उसकी

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How to be Bold, Fearless & Confident : Bhagwan Naam Mantra

How to be Bold, Fearless & Confident in Hindi : Bhagwan Naam Jap गाँधीजी ने अपने एक वक्तव्य में रुँधे हुए कंठ से इस बात का जिक्र किया कि बचपन में वे बहुत डरपोक थे

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कीमत….. सिकंदर के साम्राज्य और मनुष्य-जीवन की …!!

▪एक बार सिकंदर की मुलाकात एक आत्ममस्त संत से हो गयी। धन-वैभव के नशे से मतवाले बने सिकंदर के हावभाव देखकर उन्होंने कहा : ‘‘सिकंदर ! तूने जो इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया है,

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बचपन से ही वैराग्य-दर्शन..

बालक नानक ने शिक्षक को बताये वर्णमाला के अक्षरों का अर्थ.. बालक नानक की बुद्धि बचपन से ही बड़ी तीक्ष्ण थी, उन्हें जो भी पढ़ाया जाता वे एक ही बार में उसे कंठस्थ कर लेते

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नियम का महत्त्व…

पूज्य संत श्री आशाराम बापूजी जीवन में कोई-न-कोई व्रत, नियम अवश्य होना चाहिए । छोटा-सा नियम भी जीवन में बड़ी मदद करता है। एक सेठ किसी महात्मा की कथा में गया । महात्मा ने उससे

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सच्चा हीरा

संध्या का समय था । गाँव की चार स्त्रियाँ पानी भरने के लिए अपने-अपने घड़े लेकर कुएँ पर पहुँचीं । पानी भरने के साथ-साथ वे आपस में बातें भी कर रही थीं ।  उनमें से

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संत की दयालुता और प्रकृति की न्यायप्रियता

  एक बार अक्कलकोट (महा.) वाले श्री स्वामी समर्थ जंगल में एक वृक्ष के नीचे आत्मानंद की मस्ती में बैठे थे। आसपास हिरण घास चर रहे थे। इतने में कुछ शिकारी आ गये। उन्हें देखते

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