…वह व्यक्ति आश्चर्य में पड़ गया कि यह ताकतवर प्राणी सिर्फ इसलिए बंधन में पड़ा है क्योंकि इसे विश्वास हो गया है कि यह मुक्त नहीं हो सकता। एक आदमी रास्ते से गुजर रहा था।
दैव उन्हीं की सहायता करते हैं, जो दृढ़ पुरुषार्थ करते हैं । -पूज्य संत श्री आशारामजी बापू आत्मविश्वास व आत्मनिर्भरता सभी कार्य में सफलता का साधन हैं । दूसरे का सहारा लेने वाले व्यक्ति हर