लोक-परलोक सँवारनेवाली गीता की 12 विद्याएँ
लोक-परलोक सँवारनेवाली गीता की 12 विद्याएँ – पूज्य बापूजी गीता का ज्ञान मनुष्यमात्र का मंगल करने की सत्प्रेरणा देता है, सद्ज्ञान देता है । गीता की 12 विद्याएँ हैं । गीता सिखाती है कि भोजन
लोक-परलोक सँवारनेवाली गीता की 12 विद्याएँ – पूज्य बापूजी गीता का ज्ञान मनुष्यमात्र का मंगल करने की सत्प्रेरणा देता है, सद्ज्ञान देता है । गीता की 12 विद्याएँ हैं । गीता सिखाती है कि भोजन
अद्भुत है गीता ग्रंथ ! – पूज्य बापूजी सारे वेदों का, उपनिषदों का अमृत सरल भाषा में जिस ग्रंथ में है और जो सभी तक पहुँचे ऐसा ग्रंथ है श्रीमद्भगवद्गीता । भगवद्गीता ने क्रांति कर
‘गीता’ में वर्णित चार विद्याएँ श्रीमद्भगवद्गीता में चार विद्याओं का वर्णन आता है : (1) अभय विद्या : मौत का भय निवृत्त करनेवाली विद्या का नाम है ‘अभय विद्या’ । जैसे घड़े का आकाश और
प्रभु सौ-सौ अश्वमेध यज्ञ करने के बाद भी कोई विरला ही इन्द्रपद को पाता है । इस आदमी ने न तो अश्वमेघ किये, न दान पुण्य किया, न लाख-दो लाख पेड़-पौधे लगाये, न व्रत-उपवास किये,
Bhagvad Geeta Jayanti Vidhi with Images & Mp3 Audio G-01 श्रीमद् भगवद् गीता – महिमा जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए गीता एक अद्भुत ग्रंथ है । भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं : गीता मे हृदयं