Pujya BapuJi’s Sandesh on Shardiya Navratri 2020
आप भी अपनी आत्मशक्ति जगाओ ! -पूज्य बापूजी जितना जीवन में शक्ति का विकास होता है, उतना ही जीवन हर क्षेत्र में सार्थक होता है । नवरात्रि शक्ति की आराधना-उपासना के दिन हैं । सनातन
आप भी अपनी आत्मशक्ति जगाओ ! -पूज्य बापूजी जितना जीवन में शक्ति का विकास होता है, उतना ही जीवन हर क्षेत्र में सार्थक होता है । नवरात्रि शक्ति की आराधना-उपासना के दिन हैं । सनातन
“या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता…” श्री रामकृष्ण परमहंस की भक्त मंडली में रानी रासमणि का नाम बड़ी प्रमुखता से लिया जाता है । एक बार की बात है, दुर्गाष्टमी का पर्व निकट था । रानी
दिल के दिलबर तुम्हीं हो, तुम्हारा दीदार कैसे करें ? चाहत है तुमसे मिलने की, प्रभु सच्चा प्यार कैसे करें ? प्रियतम प्यारे तुम कैसे हो, तुमसे प्यार कैसे करें ? सहज है प्यार निभाना
Maulana Muhammad Rumi Short Story From Biography in Hindi [The Poet Rumi Quotes] : ◆ एक बार सूफी संत मौलाना जलालुद्दीन अपने शिष्यों के बीच बैठे थे । सब कीर्तन-ध्यान की मस्ती में मस्त थे
Bhagwan Ke Darshan Se Bada Hai Atma Sakshatkar [Atma Gyan/ Self Realization] (पूज्य बापू जी की ज्ञानमयी अमृतवाणी) एक बाई राम-राम रटती थी । बड़ी अच्छी, सात्त्विक बाई थी । एक बार वह रोती हुई
What is Dussehra Meaning in Hindi [Vijayadashami Ka Matlab Kya Hota Hai] भारतीय सामाजिक परम्परा की दृष्टि से ‘विजया दशमी’ का दिन त्रेता युग की वह पावन बेला है जब क्रूर एवं अभिमानी रावण के
How to Improve Eyesight Vision Naturally (Home Remedies) Or Aankho Ki Roshni Kaise Badhaye/ Netra jyoti badhane ke upay/ Chashma utarne Ka ilaj Jainye. दशहरे से शरद पूनम तक चन्द्रमा की चाँदनी में विशेष हितकारी
➠ कई बच्चे-बच्चियाँ आते हैं, कई साधक आते हैं और बोलते हैं कि ‘बापूजी ! बहुत अच्छा लगता है, बहुत आनंद आता है… आशीर्वाद दीजिये कि हम जिंदगी भर बाल संस्कार केंद्र चलायें, खूब चलाएं…’
Anandamayi Ma Teachings for kids बच्चों को बचपन से ही धर्म-शिक्षा देनी चाहिए…। तुम लोग बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के लिए कितना प्रयत्न करते हो ताकि बड़े होकर वे उपार्जनशील हो सकें लेकिन उन्हें धार्मिक शिक्षा
➠ जितना जितना आध्यात्मिक बल बढ़ता है, उतनी-उतनी भौतिक वस्तुएँ खिंचकर आती हैं और प्रकृति अनुकूल हो जाती है। -पूज्य संत श्री आशारामजी बापूजी ➠ एक होती है ‘शिक्षा’ (Shiksha), दूसरी होती है ‘दीक्षा’ (Diksha)।