ब्रह्मचर्य प्रतिष्ठायां वीर्यलाभः | Bodhkatha: Brahmachari & General Man in Hindi
पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के सत्संग प्रवचन से ….. एक युवक ने यह बात पढ़ी~ “ब्रह्मचर्य प्रतिष्ठायां वीर्यलाभः ।” “ब्रह्मचर्य की दृढ़ स्थिति हो जाने पर सामर्थ्य का लाभ होता है।” (योग दर्शन साधन