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अनुत्तीर्ण विद्यार्थिनी बनी महाविद्यालय की टॉपर | झंखना रमेशभाई पटेल, बालासिनोर (गुज.)

मेरा गणित विषय बहुत कमजोर था, जिससे महाविद्यालय में पास होना मुझे चुनौती-सा लगता था।  मेरी जन्मकुंडली में लिखा था कि मेरी पढ़ाई छूट जायेगी और हुआ भी ऐसा ही !! महाविद्यालय के प्रथम वर्ष

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श्री योग वशिष्ठ महारामायण

‘श्री योग वशिष्ठ महारामायण’ में आता है कि : “हे रामजी ! यह चित्त जो संसार के भोग की ओर जाता है, उस भोगरूपी खाई में चित्त को गिरने मत दो । भोग को बिसर

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Nitay Niyam, Niyam nisthha, Manobal badhaen

नियम में निष्ठा | Nitya Niyam se Manobal Badhaen

केवल मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो उन्नति कर सकता है । मगर सावधान नहीं रहा तो अवनत भी हो सकता है । या तो उसका उत्थान होता है या पतन होता है, वहीं

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मरने से पहले नाड़ा ना खुले

एक दिन शेख फरीद के एक शिष्य ने कहा : ” हुजूर ! मेरी सलवार फट गई है पहनने योग्य नहीं रही । ”  ” कोई बात नहीं ।  मेरे पास एक सलवार रखी है

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क्यूँ आते हैं आत्महत्या के विचार |Brahmcharya Ki Shakti

आत्महत्या के विचार आते हैं तो समझो यह मन की दुर्बलता व कायरता की पराकाष्ठा है । बचपन मे वीर्यनाश खूब हुआ हो तो बार-बार आत्महत्या के विचार आते हैं । वीर्यवान एवं संयमी पुरुष

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जैसा संग वैसा रंग

संग का बड़ा प्रभाव पड़ता है । यदि संत, सद्गुरु एवं भगवान का संग मिलता है तो वह उन्नति के शिखर पर ले जाता है और यदि दुर्भाग्य से किसी स्वार्थी-दुराचारी का संग मिल जाता

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ब्रह्मचर्य का प्रताप

एक युवक ने यह बात पढ़ी ब्रह्मचर्य प्रतिष्ठायां वीर्यलाभः ।। ” ब्रह्मचर्य की दृढ़ स्थिति हो जाने पर सामर्थ्य का लाभ होता है । ” (योग दर्शन साधन पाद : ३८ )  इतने में एक

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संयम जीवन का बल

संयम जीवन का बल है…… !! संयम सफल जीवन की नींव है…… !! संयम उन्नति की पहली शर्त है…… !! अतः इंद्रियों का संयम, मन का संयम एवं विचारों का संयम करके जीवन को उन्नति

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