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english kyu hindi kyu nahi gandhi ji

English Kyu? Hindi Kyu Nahi ? – Mahatma Gandhi Ji

गाँधीजी जानते थे कि देश पूरी तरह तभी स्वतंत्र हो सकता है, जब वह मानसिक रूप से भी गुलामी को उखाड़ फेंके । इसके लिए भारतवासियों को राष्ट्रभाषा हिन्दी का प्रयोग अपने दैनिक जीवन में

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importance of indian clothing

भारतीय वेशभूषा की महत्ता -Traditional Indian Clothing Importance

✸ “शुद्ध, सादे सूती वस्त्र स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं और आर्थिक ढंग से भी ठीक हैं । कपड़े पहनो अंगों की रक्षा करने के लिए, अंगों को बीमार करने के लिए नहीं ।

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Hum Faltu Kharch karne ke liye rastrapati nahi bane hai - dr rajendra prasad

हम फालतू खर्च के लिए राष्ट्रपति नहीं बने हैं – Dr Rajendra

एक बार भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) राँची गये थे । वहाँ पहुँचने पर उनकी चप्पल टूट गयी । वे जहाँ ठहरे हुए थे वहाँ से लगभग दस किमी. की

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Bal Gangadhar Tilak

मेरे जीवन का अंतिम लक्ष्य – Bal Gangadhar Tilak

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) तेजस्वी राजनेता तो थे ही, साथ ही धर्म और अध्यात्म में भी उनकी गहरी रूचि थी। ‘गीता’ पर उनकी कर्मप्रेरक टीका सुप्रसिद्ध ही है। जब वे राजद्रोह के

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देश गुलाम होते हुए भी नवयुवक ने विदेश में अपने देश का झण्डा फहराया!!

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झण्डा ऊँचा रहे हमारा… जानकीदास मेहरा नाम का एक नवयुवक था। बड़े परिश्रम के बाद सन् 1946 में ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड) में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए चुना  गया । उसकी

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शिवाजी के हाथों अफजल खाँ का विनाश !|~Shivaji Maharaj

नरकेसरी वीर शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) आजीवन अपनी मातृभूमि भारत की स्वतन्त्रता के लिए लड़ते रहे। वे न तो स्वयं कभी प्रमादी हुए और न ही उन्होंने दुश्मनों को चैन से सोने दिया। वे कुशल

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लौहपुरुष की दृढ़ता व विनम्रता | Sardar vallabhbhai patel

गांधीजी की प्रेरणा से सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar vallabhbhai patel) आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़े। वे कुशल वक्तृत्व शैली, निडरता, किसानों के प्रति आत्मीयता, श्रेष्ठ संगठन – शैली इत्यादि गुणों से सम्पन्न थे।

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संगठन में शक्ति | Sardar vallabhbhai patel

गुजरात में बारडोली क्षेत्र के एक गाँव में चौपाल पर बैठे कुछ लोग घबराये स्वर में कुछ बातें कर रहे थे। एक युवक ने उनके इस प्रकार आतंकित होने का कारण पूछा। लोगों ने बताया-

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hindi diwas

Vishwa Hindi हिन्दी Diwas 2022 Speech Poem

‘आनन्दमठ’ जैसी कृति के लेखक बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय बंगाल में न्यायाधीश थे। वे वकीलों को अंग्रेजी की जगह बँगला का उपयोग करने की प्रेरणा दिया करते थे । 
एक दिन उनके न्यायालय में एक अग्रेंज वकील किसी मुकदमे की पैरवी करने आया । उसने बंकिम बाबू को बँगला बोलते देखा तो कहा :”शासन की भाषा अंग्रेजी है । आप इसकी जगह थोड़े-से क्षेत्र की भाषा बँगला का उपयोग क्यों करते हैं ?
आप तो अंग्रेजी के अच्छे जानकार भी हैं ।”

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