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गुरु बिन भवनिधि तरहिं न कोई…

मेरे आश्रम में एक महंत रहता है। मुझे एक बार सत्संग के लिए कहीं जाना था। मैंने उस महंत से कहाः “रोटी तुम अपने हाथों से बना लेना, आटा-सामान यहाँ पड़ा है।” उसने कहाः “ठीक

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‘क्या है वास्तविक सौंदर्य’ एक राजकुमारी | Jain Tirthankar

“दुर्गन्ध पैदा करने वाले इन खाद्यान्नों से बनी हुई चमड़ी पर आप इतने फिदा हो रहे हो तो….” जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हो चुके हैं। उनमें एक राजकन्या भी तीर्थंकर  हो गयी, जिसका

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छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता | Shivaji Maharaj

शास्त्र में कहा गया है :ब्रह्मचर्यं परं बलम् । ‘ब्रह्मचर्य परम बल है ।’ जिसके जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन नहीं होता उसकी आयु, तेज, बल, वीर्य, बुद्धि, लक्ष्मी, कीर्ति, यश, पुण्य और प्रीति –

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पिता-पुत्र के प्रेम व सूझबूझ से बंद हुई कुप्रथा | Real Story

प्राचीनकाल में तिब्बत के कालियांग प्रांत में वानचुंग नामक बुद्धिमान व्यक्ति अपने पुत्र सानचुंग के साथ रहता था । वहाँ के राजा ने नियम लागू किया था कि ‘जब आदमी बूढा हो जाय और कामकाज

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क्या भगवान श्री राम का कैकयी के प्रति मातृ-प्रेम था ?

भगवान श्री राम (Lord Ram) के वनगमन के समय राजा दशरथ ने कैकेयी से कह दिया था कि “मैं पुत्र सहित तेरा त्याग करता हूं ।’ तुलसी के पौधे के आगे शाम को दीया जलाने

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असली पारस तो अपना आत्मा है

संत दादूजी के पट्टशिष्य संत गरीबदासजी के घर (नारायण ग्राम) में जो भी अतिथि आते, वे उनका खूब प्रेमभाव से सत्कार करते थे । उनके घर में ज्यादा सम्पन्नता नहीं थी, इसलिए कई बार उन्हें

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माता-पिता व सद्गुरु की महिमा

जो लोग मन, वाणी और क्रिया द्वारा गुरु, पिता व माता से द्रोह करते हैं, उन्हें गर्भहत्या का पाप लगता है, जगत में उनसे बढ़कर और कोई पापी नहीं है । धर्मराज युधिष्ठिर ने भीष्मजी

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पुण्डलिक की मातृ-पितृ भक्ति ने नारायण को भी प्रकट कर दिया

शास्त्रों में आता है कि जिसने माता-पिता तथा गुरू का आदर कर लिया उसके द्वारा संपूर्ण लोकों का आदर हो गया और जिसने इनका अनादर कर दिया उसके संपूर्ण शुभ कर्म निष्फल हो गये ।

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पिता का अपमान, टी.बी. का मेहमान

बंगाल के फरीदपुर जिले का जितेन्द्रनाथ दास वर्मन नामक एक युवक टी.बी. (राज्यक्षमा) की बीमारी से इतना तो बुरी तरह घिर गया कि सारे इलाज व्यर्थ हो गये । कुलगुरु ने कहा कि “यह रोग

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