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भगवान गणपति जी की स्तुति का पर्व - गणेश चतुर्थी
Ganesh Chaturthi Special Videos

22nd August 2020

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भगवान गणपति की आराधना का पर्व
[Vinayak Chaturthi : GaneshJi Ke Aardhna Ka Festival]

Vakratunda Mahakaya – GaneshJi Mantra with Lyrics Video

  • कोटि सूर्यों के समान महा-तेजस्वी, विशालकाय और टेढ़ी सूँड वाले गणपति देव ! आप सदा मेरे सब कार्यों में विघ्नों का निवारण करें।
  • गणेश चतुर्थी के दिन ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जप करने और गुड़ मिश्रित जल से गणेश जी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्नों का निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है।
  • (गणेश चतुर्थी : 22 अगस्त, चंद्रास्त : रात्रि 9.49)
  • कोटि सूर्यों के समान महा-तेजस्वी, विशालकाय और टेढ़ी सूँड वाले गणपति देव ! आप सदा मेरे सब कार्यों में विघ्नों का निवारण करें।
  • गणेश चतुर्थी के दिन ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जप करने और गुड़ मिश्रित जल से गणेश जी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्नों का निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है।
  • (गणेश चतुर्थी : 22 अगस्त, चंद्रास्त : रात्रि 9.49)

Vakratunda Mahakaya – GaneshJi Mantra with Lyrics Video

भगवान गणेश का श्री विग्रह क्या प्रेरणा देता है ?

  • एक समय की बात है…- माता पार्वती ने अपने योगबल से एक बालक प्रकट किया और उसे आज्ञा दी कि ‘मेरी अनुमति के बिना कोई भी भीतर प्रवेश न करे इस बात का ध्यान रखना ।‘ इतने में भगवान शिव जी आए तब उस बालक ने प्रवेश के लिए मना किया ।
  • शिवजी और उस बालक के बीच युद्ध हुआ और शिवजी ने त्रिशूल से बालक का शिरोच्छेद कर दिया। बाद में माता पार्वती से सारी हकीकत जानकर उन्होंने अपने गणों से कहा : “जाओं जिसका शिर पहले मिले, ले आओ” गण ले आए हाथी का मस्तक और शिवजी ने उसे उस बालक के सिर पर स्थापित कर दिया वही बालक भगवान गणपति कहलाए।
  • भगवान तो उपदेश के द्वारा हमारा कल्याण करते हैं जबकि गणपति भगवान तो अपने श्रीविग्रह से ही हमें प्रेरणा देते हैं और हमारा कल्याण करते हैं।
  • गणेशजी की सूंड लम्बी है जिसका तात्पर्य है कि घर में जो बड़े हों उसे दूर की गंध (खबर) होनी चाहिए ।
  • गणेशजी के नेत्र छोटे-छोटे से है किन्तु सुई जैसी बारीक वस्तु भी उठा लेते हैं, उसी प्रकार बड़े अर्थात् सज्जन की दृष्टि भी सूक्ष्म होनी चाहिए ।
  • गणेशजी के कान सूपे जैसे अर्थात् भले कई लोगों की बातें सुने लेकिन उसमें से सार-सार ही ग्रहण करे जैसे सूपे में धान बच जाता है और कचरा उड़ जाता है ।
  • गणेशजी के हाथ में मोदक और दण्ड है अर्थात् जो साधन भजन कर उन्नत होते हैं उन्हें वे मधुर प्रसाद देते हैं और जो वक्र दृष्टि रखते हैं उन्हें वक्र दृष्टि दिखाकर दण्ड से अनुशासित कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
  • गणेशजी का वाहन चूहा है भगवान भोलेनाथ का वाहन नंदी बैल भी हर जगह नहीं जा सकता, लेकिन चूहा तो हर जगह घुसकर भेद जान सकता है । इसी तरह छोटे से छोटे प्राणी (चूहे को) भी भगवान ने सेवा सौंपी । छोटे से छोटा व्यक्ति भी बड़े से बड़ा और अच्छा काम कर सकता है।
  • कोई भी शुभ कर्म हो, चाहे विवाह हो या गृह प्रवेश, चाहे विद्यारम्भ हो, चाहे भूमि पूजन, चाहे शिव की पूजा हो, चाहे नारायण की पूजा किन्तु सबसे पहले गणेश जी का पूजन जरूरी है ।

गणेश चतुर्थी : चन्द्र-दर्शन ना करें
[Ganesh Chaturthi: Chand Ko Na Dekhe]

  • गणेश चतुर्थी को ‘कलंकी चौथ’ भी कहते हैं। इस चतुर्थी का चाँद देखना वर्जित है।
  • यदि भूल से भी चौथ का चंद्रमा दिख जाय तो ‘श्रीमद् भागवत्’ के 10वें स्कन्ध के 56-57वें अध्याय में दी गयी ‘स्यमंतक मणि की चोरी’ की कथा का आदरपूर्वक श्रवण करना चाहिए। भाद्रपद शुक्ल तृतिया और पंचमी के चन्द्रमा का दर्शन करना चाहिए, इससे चौथ को दर्शन हो गये तो उसका ज्यादा खतरा नहीं होगा।
  • यदि अनिच्छा से चन्द्रदर्शन हो जाय तो निम्नलिखित मंत्र से पवित्र किया हुआ जल पीना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है :

सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः।

सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः।।

  • ‘सुन्दर, सलोने कुमार ! इस मणि के लिए सिंह ने प्रसेन को मारा है और जाम्बवान ने उस सिंह का संहार किया है, अतः तुम रोओ मत। अब इस स्यमंतक मणि पर तुम्हारा अधिकार है।’ (ब्रह्मवैवर्त पुराणः अध्याय 78)
  • चौथ के चन्द्रदर्शन से कलंक लगता है। इस मंत्र-प्रयोग अथवा उपर्युक्त पाठ से उसका प्रभाव कम हो जाता है।

Happy Ganesh Chaturthi Wishes, Messages, Greetings, Images 2020

घाटवाले बाबा तथा बापूजी का संवाद

  • आप सावधान हो जाना । ‘नहीं देखना है, नहीं देखना है, नहीं देखना है ‘ ऐसा भी दिख जाता है । ऐसा कई बार हुआ हम लोगों से । एक बार लंदन में दिख गया, फिर हम हिंदुस्तान आये तो हमारे साथ न जाने क्या-क्या चला ।
  • फिर एक-दो साल बीते । फिर दिख गया तो क्या-क्या चला । अगले साल नहीं देखा तो उस साल ऐसे कुछ खास गडबड नहीं हुई ।फिर इस साल देखेंगे तो ऐसा कुछ होगा…. लेकिन हम तो आदि हो गये, हमारे कंधे मजबूत हो गये ।
  • एक बार घाटवाले बाबा ने मुझसे पूछा: “भाई! चौथ का चंद्रमा देखने से कलंक लगता है – ऐसा लिखा है ।”
  • मैंने कहाँ : “हाँ |”.

    “श्रीकृष्ण को भी लगा था ?”

“हाँ |”

“हमने तो देख लिया |”

“अपने देखा तो आपको कुछ नहीं हुआ|”

“मेरे को तो कुछ नहीं हुआ |”

“कितना समय हो गया |”

“वर्ष पूरा हो गया | अगले साल देखा चंद्र को तो कुछ नहीं हुआ |”

“कुछ नहीं तो शास्त्र झूठा है ?”

“नहीं, मेरे को तो कुछ नहीं हुआ पर लोगों ने हरिद्वार की दीवारों पर लिख दिया घाटवाला बाबा रंडीबाज है |” लोगों ने लिख दिया और लोगों ने पढ़ा, मेरे को तो कुछ नहीं हुआ|

अब ब्रम्हज्ञानी संत को तो क्या होगा बाबा !

गणेश चतुर्थी विशेष लेख
[Ganesh Chaturthi 2020 Special Stories]

भगवान गणेश प्रथम पूज्य क्यों..?

एक बार भगवान शंकर के यहाँ उनके दोनों पुत्रों में होड़ लगी कि, कौन बड़ा?

निर्णय लेने के लिए दोनों गय़े शिव-पार्वती के पास। शिव-पार्वती ने कहाः जो संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा करके पहले पहुँचेगा, उसी का बड़प्पन माना जाएगा।

कार्तिकेय तुरन्त अपने वाहन मयूर पर निकल गये पृथ्वी की परिक्रमा करने।

न गणेशात्परो वशी...

एक दिन परशुरामजी अपने गुरुदेव भगवान शंकर के दर्शन की इच्छा से कैलाश पहुँचे । उस समय गणेशजी द्वार पर पहरा दे रहे थे ।

परशुरामजी ने उनसे कहा : “मैं अपने गुरु भक्तवत्सल भगवान शिवजी के दर्शन करना चाहता हूँ ।” गणेशजी : “इस समय भगवान शिव तथा माता पार्वती अंतःपुर में हैं, अतः आपको वहाँ नहीं जाना चाहिए ।”

“मैं तो जाऊँगा ही ।”

निराकार हुए साकार जब....

जहाँ दृढ़ विश्वास एवं श्रद्धा होती है, वहाँ प्रभु स्वयं साकार रूप धारण करके भोजन स्वीकार करें, इसमें क्या आश्चर्य !

गणपति के भक्त मोरया बापा, विट्ठल के भक्त तुकारामजी एवं श्रीरघुवीर के भक्त श्री समर्थ-तीनों आपस में मित्र संत थे। किसी भक्त ने चालीस दिन के लिए अखंड कीर्तन का आयोजन करवाया।

पूर्णाहूति के समय दो हजार भक्त कीर्तन कर रहे थे।

बुद्धि के देव की आराधना-उपासना का दिवस
[GanpatiJi Ki Puja ka Diwas]

  • भगवान के ५ रूप सनातन धर्म के साधकों के आगे बडे सुविख्यात हैं – सूर्य, शिव, विष्णु, शक्ति (जगदम्बा) और गणपति जी।
  • गणपतिजी की पूजा अपने देश में होती है और सनातन धर्म का प्रभाव जहाँ-जहाँ फैला है – बर्मा चीन, जापान, बाली (इंडोनेशिया), श्रीलंका, नेपाल – वहाँ भी गणेश चतुर्थी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, पूजन किया जाता है।
  • शुभ कार्य में गणपति जी का पूजन प्रथम होता है फिर वह चाहे विवाह हो, चाहे जन्म हो, चाहे मकान की नींव डालते हों, वास्तु-पूजन हो, चाहे दुकान या फैक्ट्री का उदघाटन हो। कोई शुभ काम करते हैं तो प्रभावशाली श्रेष्ठ पुरुषों को सत्कार या प्रेम देने से, थोड़ा आदर करने से विघ्न-बाधाएँ दूर हो जाती हैं। ऐसे श्रेष्ठों-में-श्रेष्ठ प्रभावशाली गणपति भगवान हैं तो गणपति जी का मन से चिंतन करके उनकी पूजा-प्रतिष्ठा करने से कार्य निर्विघ्न से सम्पन्न होते हैं ऐसा कहा गया है।
  • अगर माँ बालक को बुद्धिमान, तेजस्वी देखना चाहती हो तो वह गणेश चौथ का उपवास करे, व्रत करे, जप करे।

गणानां पति इति गणपति: ।

  • ‘गण’ माने इन्द्रियाँ, इन्द्रियगणों के जो स्वामी हैं उनको ‘गणपति’ कहा जाता है ।
  • ब्रह्मवैवर्त पुराण में आता है कि

न गणेशात्परो वशी ।

  • ‘गणेशजी से बढ़कर कोई संयमी नहीं ।’
  • बुद्धिमान लोग ऐसा भी अर्थ लगाते हैं कि गणपतिजी का वाहन छोटा है, मूषक (चूहा) है। बीच में शरीर मनुष्य का है और सिर बड़ा है। अर्थात् क्षुद्र जीव में से मानव होना चाहिए और मानव में से फिर विशाल मस्तिष्कवाले अर्थात् तत्ववेत्ता हो जाना चाहिए ।

।। गणपति स्तोत्र ।।
Ganesh Strotra

श्री गणेशाय नमः । नारद उवाच ।। प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् । भक्तावासं स्मरेन्नित्यं आयुःकामार्थ सिद्धये ।॥ १ ॥

प्रथमं वक्रतुंड च एकदंतं द्वितीयकम् । तृतीयं कृष्णपिंगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम् ।।२।।

लंबोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च । सप्तमं विघ्नराजेद्रं धूम्रवर्णं तथाष्टकम् ॥३॥

नवमं भालचंद्रं च दशमं तु विनायकम् । एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम् ॥४॥

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः । न च विघ्न भयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥५।।

विद्यार्थी लभते विद्या धनार्थी लभते धनम् । पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।६॥

जपेत् गणपति स्तोत्रं षड्भिर्मासैः फलं लभेत् । संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशयः ॥७॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत् । तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ।।८।।

श्रीनारदपुराणे संकटनाशनं श्रीगणेशस्तोत्रं संपूर्णम् ।

गणेश चतुर्थी विशेष

Ganesh Chaturthi
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Some FAQ’s for Ganesh Chaturthi August 2020 [ गणेश चतुर्थी शंका समाधान ]

Ganesh Chaturthi Puja Vidhi [How to Worship]
(बाल संस्कार के केन्द्र के बच्चों से यह प्रयोग जरूर करवाएं – पूज्य बापूजी) ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्नों का निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है।
What is the story of Ganesh Chaturthi?

एक बार भगवान शंकर के यहाँ उनके दोनों पुत्रों में होड़ लगी कि, कौन बड़ा?

निर्णय लेने के लिए दोनों गय़े शिव-पार्वती के पास। शिव-पार्वती ने कहाः जो संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा करके पहले पहुँचेगा, उसी का बड़प्पन माना जाएगा।

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