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रहस्य भरा महोत्सव - जन्माष्टमी 2024

26 अगस्त 2024

नंद घर आनंद भयो
जय कन्हैया लाल की ।।
हाथी-घोड़ा पालकी
जय कन्हैया लाल की ।।

श्री कृष्ण अवतार-रहस्य

भगवान के अवतार के तीन मुख्य प्रयोजन हैं –

  • परित्राणाय साधूनां : साधु स्वभाव के लोगों का, सज्जन स्वभाववाले लोगों का रक्षण करना ।
  • विनाशाय च दुष्कृताम् : जब समाज में बहुत स्वार्थी, तामसी, आसुरी प्रकृति के कुकर्मी लोग बढ़ जाते हैं तब उनकी लगाम खींचना ।
  • धर्मसंस्थापनार्थाय : धर्म की स्थापना करने के लिए अर्थात् अपने स्वजनों को, अपने भक्तों को तथा अपनी ओर आने वालों को अपने स्वरूप का साक्षात्कार हो सके इसका मार्गदर्शन करना ।
  • जिस समय समाज में खिंचाव, तनाव व विषयों के भोग का आकर्षण जीव को अपनी महिमा से गिराते हैं, उस समय प्रेमाभक्ति का दान करने वाले तथा जीवन में कदम-कदम पर आनंद बिखेरने वाले श्रीकृष्ण का अवतार होता है । श्रीकृष्ण का जन्मदिवस या अवतार ग्रहण करने का पावन दिवस ही जन्माष्टमी कहलाता है ।
  • जन्माष्टमी तुम्हारा आत्मिक सुख जगाने का, तुम्हारा आध्यात्मिक बल जगाने का पर्व है । जीव को श्रीकृष्ण-तत्व में सराबोर करने का त्यौहार है । तुम्हारा सुषुप्त प्रेम जगाने की दिव्य रात्रि है ।
  • अवतरति इति अवतार : अर्थात् जो अवतरण करे, ऊपर से नीचे जो आए उसका नाम अवतार है ।
  • भगवान के अवतार के समय तो लोग लाभान्वित होते ही हैं किंतु भगवान का दिव्य विग्रह जब अन्तर्धान हो जाता है, उसके बाद भी भगवान के गुण, कर्म और लीलाओं का स्मरण करते-करते हजारों वर्ष बीत जाने के बाद भी मानव समाज लाभ उठाता रहता है ।

Shri Krishna Birth Story katha in hindi

  • भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी की रात… बारिश हो रही है और वसुदेव – देवकी कारागार में हैं…. उनके रिश्तेदार भय और आतंक से आतंकित हैं, दुःख में हैं, शोषित हो रहे हैं । ऐसों के यहाँ आने के लिए भगवान श्रीकृष्ण मध्यरात्रि, अँधेरी रात चुनते हैं ।
  • अंधकार में पड़े हुए जीव के यहाँ, साधक के यहाँ प्रकाशमय श्रीकृष्ण…., दुःख में डूबे हुए समाज के यहाँ सुख स्वरूप श्रीकृष्ण…., विषाद में पड़े हुए लोगों के बीच माधुर्य बरसाने वाले कृष्ण का अवरतरण जेल में होता है । वसुदेव-देवकी के यहाँ ।

Janmashtami Vrat Importance

  • भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर जी को कहते हैं : “20 करोड़ एकादशी व्रतों के समान अकेला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत है ।” धर्मराज सावित्री से कहते हैं : “भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है वह 100 जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है ।”
  • उपवास से भूख-प्यास आदि कष्ट सहने की आदत पड़ जाती है, जिससे आदमी का संकल्पबल बढ़ जाता है । इन्द्रियों के संयम से संकल्प की सिद्धि होती है, आत्मविश्वास बढ़ता है जिससे आदमी लौकिक फायदे अच्छी तरह से प्राप्त कर सकता है । इसका मतलब यह नहीं कि व्रत की महिमा सुनकर मधुमेह वाले या कमजोर लोग भी पूजा व्रत रखें । बालक, अति कमजोर तथा बूढ़े लोग अनुकूलता के अनुसार थोड़ा फल आदि खाएं ।

अकाल मृत्यु, गर्भपात से करे रक्षा…

  • ‘भविष्य पुराण’ में लिखा है कि ‘जन्माष्टमी का व्रत अकाल मृत्यु नहीं होने देता है । जो जन्माष्टमी का व्रत करते हैं, उनके घर में गर्भपात नहीं होता । बच्चा ठीक से पेट में रह सकता है और ठीक समय पर बालक का जन्म होता है ।”

Janmashtami 2024 Vrat Katha

Krishna Jayanthi 2024 Puja Vidhi

जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है । उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्व है । जिसको ‘क्लीं कृष्णाय नमः’ मंत्र का थोड़ा भी जप करने को मिल जाए, उसके त्रिताप नष्ट होने में देर नहीं लगती । ‘भविष्य पुराण’ के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत संसार में सुख-शांति और प्राणीवर्ग को रोगरहित जीवन देनेवाला, अकाल मृत्यु को टालनेवाला, गर्भपात के कष्टों से बचानेवाला तथा दुर्भाग्य और कलह को दूर भगानेवाला होता है ।

पुण्य के साथ दिलाये स्वास्थ्य लाभ

  • जन्माष्टमी के दिनों में मिलने वाला पंजीरी का प्रसाद वायुनाशक होता है । उसमें अजवायन, जीरा व गुड़ पड़ता है ।
  • इस मौसम में वायु की प्रधानता है तो पंजीरी खाने खिलाने का उत्सव आ गया । यह मौसम मंदाग्नि का भी है । उपवास रखने से मंदाग्नि दूर होगी और शरीर में जो अनावश्यक द्रव्य पड़े हैं, उपवास करने से वे खिंचकर जठर में आ के स्वाहा हो जायेंगे, शारीरिक स्वास्थ्य मिलेगा । तो पंजीरी खाने से वायु का प्रभाव दूर होगा और व्रत रखने से चित्त में भगवदीय आनंद, भगवदीय प्रसन्नता उभरेगी तथा भगवान का ज्ञान देने वाले गुरु मिलेंगे तो ज्ञान में स्थिति भी होगी ।
  • अपनी संस्कृति के एक-एक त्यौहार और एक-एक खानपान में ऐसी सुंदर व्यवस्था है कि आपका शरीर स्वस्थ रहे, मन प्रसन्न रहे और बुद्धि में बुद्धिदाता का ज्ञान छलकता जाए । जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है । उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्व है ।

Happy Krishna Janmashtami 2024 Wishes, Messages, Greetings, Whatsapp Status

Krishna Janmashtami Special Images, Photos

Some FAQ’s for Janmashtami September 2023

How to do krishna puja at home in hindi
जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्व है। इस रात में ‘क्लीं कृष्णाय नमः’ मंत्र का जप करें, अपने गुरु मंत्र का जप करे। इससे त्रिताप नष्ट होने में देर नहीं लगती । जन्माष्टमी के पवन अवसर पर अवश्य सुने ये सत्संग :
इस पर्व की विशेष महिमा जाननी है तो सुने ये सत्संग :

16 August 2024 को रात 12 बजे श्री कृष्ण जन्म उत्सव मनाया जायेगा ।

जन्माष्टमी के दिन उपवास हितकर है । दूध और फल ले सकते है लेकिन ध्यान रहे कि दूध और फल में 2 घंटे का अंतर रहे । फल और दूध एक साथ लेना स्वस्थ्य के लिए नुकसान दायक है । बाजारू मिल्क शेक, कोल्ड ड्रिंक, ice cream आदि का सेवन भी न करें ।

चाय कॉफ़ी तो आम दिनों में भी नहीं पीना चाहिए । और व्रत में अगर इनका सेवन करेंगे तो ज्यादा नुकसान करेंगे । जानिए चाय-काफीः एक मीठा जहर क्यों है ? Click here
What is Lord Krishna's Favourite food? [Bhagwan Shri KrishnaJi ka Priya Bhojan Kya Hai]

भगवान कृष्ण को माखन मिश्री अत्यंत प्रिय है ।

जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंंत गुना फल देता है । जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्त्व है । जन्माष्टमी का व्रत अकाल मृत्यु नहीं होने देता है एवं व्रत सौ जन्मों के पापों से मुक्ति दिलाता है । स्वस्थ्य के हिसाब से भी जन्माष्टमी व्रत अत्यंत उपयोगी है, इससे रोगों के कण नष्ट होते है ।

तुलसी के पत्ते भगवान कृष्ण को अत्यंत प्रिय हैं ।
जानिए कैसे करे प्रार्थना इस वीडियो से :

जन्माष्टमी विशेष: Dahi handi 2024 Images

  • तो तुम्हारे अहं की मटकी फूटे, कन्हैया का ऐसा प्रेमभरा रस लग जाय ताकि आपका मंगल हो जाये । मटकी फोड़ना मेरा उद्देश्य नहीं है । मटकी के भीतर छुपा हुआ जो मधुमय मधुरस है, नित्य नवीन रस है वह ब्रह्मसुख प्रकटे । श्रीकृष्ण ने जीवनभर वही किया और मेरा भी उद्देश्य वही है ।