युवाधन की सुरक्षा - सुरक्षा का स्नेह-सूत्र
- कैसी दिव्य है भारतीय संस्कृति ! पड़ोस के भाई या बहन के प्रति मन में थोड़ा-सा विकारी भाव उत्पन्न हुआ तो यह ऋषि-परंपरा से चला आया, ऋषियों की प्रसादी ले आया, रक्षा के संकल्प से संपन्न नन्हा-सा, पतला-सा, दिव्य भावना से भरा राखी का धागा बहन ने भाई को बाँधा ( रक्षाबंधन ) और भाव अच्छे हो गये ।
नजरें बदलीं तो नजारे बदले ।
किश्ती ने बदला रुख तो किनारे बदले ॥