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Pujya Shri Asharam Ji Bapu Prerak Prasang [Motivational Incidents]

sant avtaran

संत-अवतरण

अपने पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के जन्म के पहले अज्ञात सौदागर एक शाही झूला अनुनय-विनय करके दे गया, बाद में पूज्य श्री अवतरित हुए …

putra me dikha pita ko ishwariya noor - Asharamji Bapu Biography

पुत्र में दिखा पिता को “ईश्वरीय नूर”

अम्माजी कहती थीं कि ”साँई ( पूज्य बापूजी ) के पिताजी ने मुझे साफ कह रखा था कि ”किन्हीं संत…

Pujya BapuJi Ki Bachpan se hi Ishwar Prapti Ki Tadap

बचपन में ऐसी तड़प

पूज्य बापूजी की बचपन से ही ईश्वर-प्राप्ति की तड़प कितनी गजब की थी..! यह बच्चों को सुनाएँ,प्रभु भक्ति के संस्कार डालें । पूज्य बापूजी का घर में अलग से एक छोटा-सा…

Pujya Bapuji Prerak Jeevan Prasang

सादगीप्रियता व परहितपरायणता

बापूजी को बचपन से ही सादगी प्रिय है। सफेद वस्त्र, सात्त्विक भोजन पसंद है। पूज्यश्री कभी-कभी व्रत भी करते थे और…

asharam ji bapu childhood

बालक आसुमल का बचपन

अम्माजी ने बालक आसुमल को लाड़-प्यार देने के साथ उनमें भक्ति के संस्कारों का सिंचन कर दिया । बाल्यावस्था में ही उनके चेहरे पर विलक्षण कांति तथा नेत्रों में …
peed parayi jaane re

पीड पराई जाणे रे… संत अवतरण

मणिनगर (अहमदाबाद) में एक बालक रहता था । वह खूब निष्ठा से ध्यान-भजन एवं सेवा-पूजा करता था और शिवजी को जल चढाने के बाद ही जल पीता था…

मधुर संस्मरण – परस्पर संयमी जीवन !!!

एकांत-साधना हेतु पूज्य बापूजी का कभी हरिद्वार, नारेश्वर (गुज.), माउंट आबू (राज.) तो कभी मोटी कोरल (गुज.) जाना होता रहता था । एक बार बापूजी…
pujya sant asahram ji bapu ke prerak jeevan prasang

बापूजी के प्रेरक जीवन प्रसंग

बहुत पहले की बात है। एक बार पूज्य बापूजी हिम्मतनगर आश्रम में रुके हुए थे । सुबह पूज्यश्री को कहीं दूसरी जगह सत्संग करने जाना था । रसोइया नाश्ते में…

eesh kripa bin guru nahi, guru bina nahi gyan

ईश कृपा बिन गुरु नहीं, गुरु बिना नहीं ज्ञान

आज अनेक आश्रमों, समितियों एवं सेवा-प्रवृत्तियों के मार्गदर्शक व प्रेरणास्थान तथा करोड़ों शिष्यों के सद्गुरु पूजनीय संतशिरोमणि श्री आशारामजी बापू को …
Guru Aagya: Real Incident Story of China Peak Nainital in Hindi

जो गुरु की आज्ञा दृढ़ता से मानता

एक बार नैनीताल में गुरुदेव (स्वामी श्री लीलाशाहजी महाराज) के पास कुछ लोग आये । वे ‘चाइना पीक’ (हिमालय पर्वत का एक प्रसिद्ध शिखर देखना…

परदुःखकातरता के साक्षात विग्रह

महानिर्वाणी अखाड़ा (मेहसाणा,गुजरात) के महंत श्री रामगिरि महाराज परदुःखकातरता के साक्षात विग्रह पूज्य बापूजी के सान्निध्य में बीते सुनहरे पलों…
माँ, अम्मा जी , माँ मँहगीबा

माँ ने बोये प्रभुप्रीति, प्रभुरस के बीज

माता को शिशु को प्रथम गुरु कहा गया है। इतिहास में ऐसे कितने ही उदाहरण हैं जिनमें महापुरुषों के जीवन में उनकी माताओं द्वारा दिये गये सुसंस्कारों…