क्या आप जानते हैं कि दर्द-निवारक दवाइयाँ शरीर की महत्त्वपूर्ण क्रियाओं में भी कमी ला देती हैं ??


अमेरिकी वैज्ञानिकों के अनुसार दर्द-निवारक दवाइयाँ टूटी हड्डियों के जुड़ने की प्रक्रिया पर हानिकारक असर डालती हैं। ‘न्यू साइंटिस्ट’ में छपी रिपोर्ट के अनुसार एस्प्रिन और ब्रूफेन जैसी दर्द-निवारक दवाइयां फ्रैक्चर के ठीक होने की प्रक्रिया को धीमी कर देती हैं, अथवा रोक देती हैं।

न्यूजर्सी विश्वविद्यालय के डॉ. पैट्रिक ओ.कोन्नौर के नेतृत्व में ऐसे चूहों पर परीक्षण किये गये जिनकी हड्डियाँ टूटी हुई थीं।
शोधकर्ताओं ने इन चूहों को ‘रोपोकोसिब’ और ‘सेलिकोसिब’ नामक दर्द-निवारक दवाइयाँ दी। परीक्षणों में पाया गया कि रोपोकोसिब खानेवाले चूहों की हड्डियाँ जुड़ी ही नहीं, जबकि सेलिकोसिब खानेवाले चूहों की कुछ ही हड्डियों जुड़ पायी।

लोग आमतौर पर दर्द से बचने के लिए ‘पेन किलर’ लेते हैं पर वास्तव में वह ‘पेन’ ( दर्द ) को नहीं मारती, पेन की खबर देनेवाले ज्ञानतंतुओं को शिथिल कर देती है।