दिल के दिलबर तुम्हीं हो,

       तुम्हारा दीदार कैसे करें ?

चाहत है तुमसे मिलने की,

      प्रभु सच्चा प्यार कैसे करें ?

प्रियतम प्यारे तुम कैसे हो,

            तुमसे प्यार कैसे करें ?

सहज है प्यार निभाना तुमसे,

     प्रेमाभक्ति अपार कैसे करें ?

तुम्हारी यादों से दिल भरता नहीं,

          आँसुओं की धार कैसे करें ?

तड़प रहे हैं विरह वेदना में,

      अब नाम उचार कैसे करें ?

मधुर मिलन होगा हमारा,

          प्रभु ऐतबार कैसे करें ?

है श्वासों का क्या भरोसा,

         तेरा इंतजार कैसे करें ?

तुमने दिया है जीवन,

     जीवन उद्धार कैसे करें ?

सेवा, परहित हो जीवन में,

      तुमसे अनुराग कैसे करें ?

निरुपाधि निरामय हो तुम,

         तुमको साकार कैसे करें ?

कैसे करें फूल दीप तुम्हारा,

          पूजन, श्रृंगार कैसे करें ?

परम शांत है स्वरूप तुम्हारा,

          शब्द झंकार कैसे करें ?

सदा एकरस हो तुम,

      तुम पर रसधार कैसे करें ?

शुद्ध, बुद्ध, चैतन्य हो तुम,

        तुमसे तदाकार कैसे करें ?

तेरा ही अंश है जीवन,

          इसे निरहंकार कैसे करें ?

द्वैत, अद्वैत सब हो तुम स्वामी,

         तुमसे एकाकार कैसे करें ?

सच्चिदानंद सर्व आत्म तुम हो,

        प्रभु तुम्हारा साक्षात्कार कैसे करें ?

          – जीवन आनंद

~ऋषि प्रसाद, सितम्बर 2009