मंत्रदीक्षा के समय विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र और अन्य दीक्षार्थियों को वैदिक मंत्र की दीक्षा देते हैं। सारस्वत्य मंत्र के जप से बुद्धि कुशाग्र बनती है और विद्यार्थी मेधावी होता है। सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा पाकर कई विद्यार्थियों ने अपना भविष्य उज्ज्वल बनाया है।
वीरेन्द्र मेहता नामक एक सामान्य विद्यार्थी ने ʹऑक्सफोर्ड एडवांस्ड लर्नर्स डिक्शनरीʹ के 80 हजार शब्द पृष्ठ-संख्यासहित याद कर एक महान विश्वरिकार्ड दर्ज किया है।
तनिश्क (तांशु) बेसोया नामक 5 साल के छोटे से बच्चे ने दिल्ली की जोखिमभरी सड़कों पर 5 कि.मी. कार चलाकर अपने छोटे भाई हिमांशु की जान बचायी। उसे राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री एवं अन्य अऩेक मान्यवरों द्वारा सम्मानित किया गया।
कमजोर स्मृतिवाले अजय मिश्रा ने पूज्य बापू जी से सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा लेकर उसका अनुष्ठान किया। परिणाम यह हुआ कि अजय मिश्रा (सालाना वेतन 30 लाख रूपये) नोकिया कम्पनी में ʹविश्वस्तरीय प्रबन्धकʹ (Global Product Manager) हुए ।
भैंस चराने वाला क्षितिज सोनी आज ʹगो एयरʹ हवाई जहाज कम्पनी में ʹमुख्य इंजीनियरʹ पद पर पहुँचे हैं (सालाना वेतन 21.60 लाख रूपये)। ऐसे लाखों विद्यार्थी हैं, जो अपने यश का श्रेय बापू जी की कृपा से प्राप्त सारस्वत्य मंत्र और यौगिक प्रयोगों को ही देते हैं।
भारत के सबसे तेज बोलर इशांत शर्मा कहते हैं- “पूज्य बापू जी की मंत्रदीक्षा व संयम-सदाचार के उपदेश से जीवन के हर क्षेत्र में विद्यार्थियों को अप्रतिम सफलता मिल सकती है। ʹदिव्य प्रेरणा प्रकाशʹ ग्रंथ देश के हर विद्यार्थी को पढ़ना ही चाहिए।”
आश्रम द्वारा आयोजित ʹविद्यार्थी उत्थान शिविरʹ व ʹविद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य निर्माण शिविरʹ विद्यार्थियों के लिए वरदान ही सिद्ध होते हैं। ʹदिव्य प्रेरणा-प्रकाश ज्ञान प्रतियोगिताʹ से अब तक 80 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं।
अनुभव प्रकाशः पूज्य बापू जी से प्राप्त सारस्वत्य मंत्रदीक्षा प्रतिभा विकास की संजीवनी बूटी है। — डॉ. राहुल कत्याल, युवा वैज्ञानिक फिजियोथेरेपिस्ट