रामतत्व की महिमा | Ram Navami Kyu Manayi Jaati Hai ?
एक दिन पार्वतीजी ने महादेवजी से पूछा : “आप हरदम क्या जपते रहते हैं ?” उत्तर में महादेवजी द्वारा विष्णुसहस्रनाम कहे गये । अन्त में पार्वती जी ने कहा : “ये तो अपने हजार नाम
एक दिन पार्वतीजी ने महादेवजी से पूछा : “आप हरदम क्या जपते रहते हैं ?” उत्तर में महादेवजी द्वारा विष्णुसहस्रनाम कहे गये । अन्त में पार्वती जी ने कहा : “ये तो अपने हजार नाम
जिनकी उम्र 15 से 45 साल के अन्दर है..उनको अगर कोई बीमारी नहीं है…शुगर नहीं है… हो सके तो हिम्मत दिखाकर … सुबह के सूर्योदय से लेकर अगले दिन के सूर्योदय तक पानी भी न
शिवरात्रि के दिन देशी घी का दिया जला कर ‘बं’ बीजमंत्र का सवा लाख जप करना बहुत हितकारी है। यह मंत्र शुद्ध सात्विक भावनाओं को सफल करने में बड़ा सहयोग देगा । हो सके तो
हे युवान ! गुलाम नहीं स्वामी बनो…. अंग्रेजी शिक्षा पद्धति के बढ़ते कुप्रभावों से गाँधीजी की यह बात प्रत्यक्ष हो रही थी कि ‘विदेशी भाषा ने बच्चों को रट्टू और नकलची बना दिया है तथा
प्रह्लाद को कष्ट देने वाले दैत्य हिरण्यकशिपु को भी प्रह्लाद कहता हैः “पिताश्री !” और तुम्हारे लिए तनतोड़ मेहनत करके तुम्हारा पालन-पोषण करने वाले पिता को नौकर बताने में तुम्हें शर्म नहीं आती ! अभी
मैंने पूज्य बापूजी से २०१० में दीक्षा ली और नर्सरी कक्षा से ही मैं संत श्री आशारामजी गुरुकुल, रायपुर(छ.ग.) में पढ़ रहा हूँ। गुरुकुल में रोज दोपहर १२ बजे संध्या करवायी जाती है जिसमें बुद्धि
➠ शिक्षक का चरित्र ज्वाज्वल्यमान अग्नि के समान हो, जिससे उच्चतम शिक्षा का सजीव आदर्श शिष्य के सामने बना रहे। ➠ सच्चा शिक्षक वही है जो विद्यार्थी को सीखने के लिए तत्काल उसी की मनोभूमि
पुराणों में एक कथा आती है कि उपमन्यु माँ से दूध माँगता है और माँ बीजों को पीसकर पानी में घोल के उसे दे देती है कि ‘‘बेटा ! ले दूध ।” अब वह ननिहाल
मोहन के पिता का बचपन में ही स्वर्गवास हो गया था । गरीब ब्राह्मणी ने अपने इकलौते बेटे को गाँव से 5 मील दूर गुरुकुल में प्रवेश करवाया । गुरुकुल जाते समय बीच में जंगल