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Shiksha (शिक्षा) Ke Sath Diksha (दीक्षा) Bhi Jaruri Hai

➠ जितना जितना आध्यात्मिक बल बढ़ता है, उतनी-उतनी भौतिक वस्तुएँ खिंचकर आती हैं और प्रकृति अनुकूल हो जाती है।  -पूज्य संत श्री आशारामजी बापूजी  ➠ एक होती है ‘शिक्षा’ (Shiksha), दूसरी होती है ‘दीक्षा’ (Diksha)।

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honhar birwan ke hot chikne paat

होनहार बिरवान के होत चिकने पात -Honhar birwan ke hot chikne paat

आर्तत्राण नाम का विद्यार्थी संस्कृत पढ़ने के लिए पंडित जी के पास जाता था । पंडित जी को पूजा के लिए बेलपत्र, तुलसीदल, फूल आदि की आवश्यकता पड़ती थी तो विद्यार्थी आसपास से ले आते

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interest in practice

अभ्यास में रूचि क्यों नहीं होती ? Why There is no Interest in Practice? – in Hindi

15 जनवरी 1958, कानपुर।(साईं श्री लीलाशाहजी महाराज की अमृतवाणी) गुरु-सन्देश – “सत्पुरुष अपने साधना-काल में प्रभुनाम-स्मरण के अभ्यास की आवश्यकता का अनुभव करके उसके रंग में रंगे रहते हैं।” सत्संग-प्रसंग पर एक जिज्ञासु ने पूज्य

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bal gangadhar tilak information

लोकहित से बढ़कर कुछ नहीं | Short Story of Lokmanya Bal Gangadhar Tilak

वकालत की परीक्षा पास करने के बाद तिलक जी कोई उच्च सरकारी नौकरी करने के बजाय एक विद्यालय में शिक्षक के पद पर रहना पसंद किया ।सम्बन्धियों और मित्रों को यह बात अच्छी न लगी

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As you sow, so shall you reap

जो बोवै सोई काटै । As You Sow, So Shall You Reap – Real Hindi Moral Story

As You Sow, So Shall You Reap. “हमारी मति-गति में योग्यता कम है इसलिए बोलते हैं : ‘यह अन्याय हो गया।’ नहीं-नहीं, कर्म की गति के अनुसार कौन-सा, किसका, क्या लेन-देन है- हम जानते नहीं।”

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swami ramtirth

संत सान्निध्य से जीवन-परिवर्तन | Ek Satya Ghatna – Maulvi Aur Swami Ramtirth

परब्रह्म परमात्मा के साथ एकत्व के अनुभव को उपलब्ध स्वामी रामतीर्थ (Swami Ramtirth) देश-विदेश में घूम-घूमकर ब्रह्मविद्या का उपदेश देते थे। बात फरवरी सन् 1902 की है। ‘साधारण धर्मसभा, फैजाबाद’ के दूसरे वार्षिकोत्सव से स्वामी

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short stories from mahabharata

कैसा था अर्जुन का सुमिरन ? – Short Stories From Mahabharata Arjuna Krishna

महाभारत (Mahabharata) में एक कथा आती है। रुक्मिणी ने किसी पर्व पर उत्सव किया। उत्सव में परिवार के एवं अन्य स्नेही, सम्बन्धी, मित्रादि लोगों की उपस्थिति आवश्यक होती है। श्रीकृष्ण (Shri Krishna) ने देखा कि

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हनुमानजी को माँ से मिली अनुपम शिक्षा - Hanuman Jayanti 2022

हनुमानजी को माँ से मिली अनुपम शिक्षा – Hanuman Jayanti 2023

माता अंजना उल्लासपूर्वक कथा सुनातीं और बालक हनुमानजी कथा-श्रवण से भावविभोर हो उठते । भावातिरेक से उनके नेत्रों में अश्रु भर आते, अंग फड़कने लगते । वे सोचते : “यदि मैं भी वही हनुमान होता…..”

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Swami Vivekananda

मैं भारत की पूजा करने लग गया हूँ – Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) जब अमरीका की यात्रा से लौटे तो एक अंग्रेज पत्रकार ने भारत की गुलामी और गरीबी की हँसी उड़ाने की नीयत से व्यंग्य भरे स्वर में उनसे पूछाः ʹʹऐश्वर्य और वैभव

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bodh katha

मानवता में पहला स्थान – Hindi Bodh Katha

कोलकाता के एक प्रसिद्ध विद्यालय में दो विद्यार्थी सदा पहला-दूसरा स्थान लाते थे । पहले स्थान वाले का सदैव पहला और दूसरे स्थान वाले का सदैव दूसरा स्थान ही आता था । पिछले 5-6 साल

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