बीरबल ने जाना मातृसेवा का मोल| Birbal Ne Jana Maa ki Seva
……क्या बीरबल केवल एक रात्रि भी माँ की सेवा कर पाए ??? एक बार बीरबल ने अपनी माँ से कहाः “माँ मैं तेरी सेवा करके ऋण चुकाना चाहता हूँ । बता, मैं तेरी क्या सेवा
……क्या बीरबल केवल एक रात्रि भी माँ की सेवा कर पाए ??? एक बार बीरबल ने अपनी माँ से कहाः “माँ मैं तेरी सेवा करके ऋण चुकाना चाहता हूँ । बता, मैं तेरी क्या सेवा
महाराष्ट्र की भूमि पर ऐसे एक महापुरुष हो गये – ‘समर्थ रामदास’ जिन्होंने ईश्वर-आराधना के द्वारा मानव-समाज को दैवी गुणों से सम्पन्न बनने का उपदेश तो दिया ही, साथ ही अनीति व बुराइयों से लोहा
जरा सोचिए…!!!! ? 1. आठ महीने ठण्ड के कारण कोट पैंट पहनना उनकी विवशता और शादी वाले दिन भरी गर्मी में कोट – पैंट डाल कर बरात ले जाना….. हमारी मूर्खता.. !! ? 2. ताजा
As You Sow, So Shall You Reap. “हमारी मति-गति में योग्यता कम है इसलिए बोलते हैं : ‘यह अन्याय हो गया।’ नहीं-नहीं, कर्म की गति के अनुसार कौन-सा, किसका, क्या लेन-देन है- हम जानते नहीं।”
सत्संग,संयम और नियम से ही मनुष्य महान बनता है । -पूज्य संत श्री आशारामजी बापू कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री गुरुदास बैनर्जी एक बार वायसराय के साथ कानपुर से कलकत्ता के लिए यात्रा कर
अहमदाबाद की मेनका चंदानी जी जिनको सन् 1974 से पूज्य बापूजी के श्री चरणों में प्रत्यक्ष सत्संग श्रवण का सौभाग्य मिला। वे पूज्य श्री के सत्संग सान्निध्य की महिमा से ओतप्रोत एक अनुभव बताती हैं
-स्वामी श्री लीलाशाहजी महाराज की अमृतवाणी Swami Leelashah Ji Maharaj Ki Amritwani : एक बार एक संत श्री राजदरबार में गये और इधर-उधर देखने लगे । मंत्री ने आकर संत श्री से कहा : “हे
● गीता, गंगा और गाय को महत्त्व देने से ही देश का सर्वांगीण विकास होगा। ये तीनों भारत की संस्कृति के प्रतीक हैं। – पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ● भगवान श्री
सदगुरु सदैव अपने शिष्य पर रहमत की बरसात करते ही रहते हैं। धन्य हैं जो गुरु कृपा को पचाते हैं। सिख गुरु अमरदास जी (Guru Amardas) की उम्र लगभग 105 वर्ष हो गयी थी, तब
आज हम जानेंगे : विद्यार्थियों में गीता ग्रंथ के अध्ययन से सच्चाई, निर्भयता व आत्मा की स्वतंत्रता के संस्कार हृदय में दृढ़ हो सकते हैं !! बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) , जिन्होंने जुल्मी