आवश्यकता है वीर सपूतों की | Malharrao Holkar ji
बात उस समय की है जब हिंदुओं पर मुगलों का अत्याचार अपनी चरम सीमा पर था और हिन्दू अपने को दीन व लाचार मानकर सब सह रहे थे। औरंगजेब का खौफ महाराष्ट्र के गाँवों में
बात उस समय की है जब हिंदुओं पर मुगलों का अत्याचार अपनी चरम सीमा पर था और हिन्दू अपने को दीन व लाचार मानकर सब सह रहे थे। औरंगजेब का खौफ महाराष्ट्र के गाँवों में
जब तिलक जी ने बिना हिले-डुले, व्यथित हुए शांतिपूर्वक ऑपरेशन करा लिया… श्रीमद् भगवद्गीता की महिमा अपरम्पार है । आपको गीताजी की महिमा के बारे में लोकमान्य तिलक जी (Lokmanya Tilak ji) के जीवन का
आज हम जानेंगे : स्वप्न में मिली ईश्वर की आज्ञापालन का चमत्कार !! एक आस्तिक व्यक्ति ने एक रात्रि को स्वप्न में देखा कि ईश्वर उसके सम्मुख खड़े होकर कह रहे हैं– “तुम्हारी मेरे प्रति
आज हम जानेंगे एक सत्संगी व्यक्ति के सम्पर्क में आनेवालों का जीवन भी किस प्रकार मानवीयता, सहयोग और सुहृदयता की बगिया से महक जाता है। एक सज्जन रेलवे स्टेशन पर बैठे गाड़ी की प्रतीक्षा कर
“जो भी कार्य करें, उसे पूरे मनोयोग से, दिल लगाकर करें। किसी भी काम को आलस्य या लापरवाही से बिगड़ने न दें। जो कर्म को पूरे मनोयोग से करता है उसका आत्मविकास होता है, उसकी
नरकेसरी वीर शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) आजीवन अपनी मातृभूमि भारत की स्वतन्त्रता के लिए लड़ते रहे। वे न तो स्वयं कभी प्रमादी हुए और न ही उन्होंने दुश्मनों को चैन से सोने दिया। वे कुशल
बालक सुधरे तो जग सुधरा । बालक-बालिकाएँ घर, समाज व देश की धरोहर हैं । इसलिए बचपन से ही उनके जीवन पर विशेष ध्यान देना चाहिए । यदि बचपन से ही उनके रहन-सहन, खान-पान, बोल-चाल,
इस पंडित की आज्ञा का पालन करो!!………. ज्यों ही उन्होंने ऐसा कहा, भैंसे ने गम्भीर मानवी वाणी में कहना शुरु किया……!! संत ज्ञानेश्वर (Sant Gyaneshwar) और उनके भाई-बहन निवृत्ति, सोपान एवं मुक्ताबाई को पैठण के
गांधीजी की प्रेरणा से सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar vallabhbhai patel) आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़े। वे कुशल वक्तृत्व शैली, निडरता, किसानों के प्रति आत्मीयता, श्रेष्ठ संगठन – शैली इत्यादि गुणों से सम्पन्न थे।
एक बार ईरान के बादशाह नशीखान ने संजीवनी बूटी के बारे में सुना। उसने अपने प्रिय हकीम बरजुए से पूछा: ”क्या तुमने भी कभी संजीवनी बूटी का नाम सुना है?” “जी, बादशाह सलामत यह हिन्दुस्तान