Ajanma Hai Amar Atma Mp3 Audio Play
Ajanma Hai Amar Atma Lyrics in Hindi
व्यर्थ चिंतित हो रहे हो, व्यर्थ डरकर रो रहे हो ।
अजन्मा है अमर आत्मा, भय में जीवन खो रहे हो ।।
जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा अच्छा ही है ।
होगा जो अच्छा ही होगा, यह नियम सच्चा ही है ।
गर भुला दो बोझ कल का, आज तुम क्यों ढो रहे हो ?…।।1।।
हुई भूलें-भूलों का फिर, आज पश्चात्ताप क्यों ?
कल क्या होगा ? अनिश्चित है, आज फिर संताप क्यों ?
जुट पड़ो कर्तव्य में तुम, बाट किसकी जोह रहे हो ? …।।2।।
क्या गया, तुम रो पड़े ? तुम लाये क्या थे, खो दिया ?
है हुआ क्या नष्ट तुमसे, ऐसा क्या था, खो दिया ?
व्यर्थ ग्लानि से भरा मन, आँसुओं से धो रहे हो ।।…।।3।।
ले के खाली हाथ आये, जो लिया यहीं से लिया ।
जो लिया नसीब से उसको, जो दिया यहीं का दिया ।
जानकर दस्तूर जग का, क्यों परेशां हो रहे हो ? …।।4।।
जो तुम्हारा आज है, कल वो ही था किसी और का ।
होगा परसों जाने किसका, यह नियम सरकार का ।
मग्न हो अपना समझकर, दुःखों को संजो रहे हो ।।…।।5।।
जिसको तुम मृत्यु समझते, है वही जीवन तुम्हारा ।
है नियम जग का बदलना, क्या पराया क्या तुम्हारा ?
एक क्षण में कंगाल हो, क्षण भर में धन से मोह रहे हो ।। …।।6।।
मेरा-तेरा, बड़ा-छोटा, भेद ये मन से हटा दो ।
सब तुम्हारे तुम सभी के, फासले मन से हटा दो ।
कितने जन्मों तक करोगे, पाप कर तुम जो रहे हो ।। …।।7।।
है किराये का मकान, ना तुम हो इसके, ना तुम्हारा ।
पंच तत्त्वों का बना घर, देह कुछ दिन का सहारा ।
इस मकान में हो मुसाफिर, इस कदर क्यों सो रहे हो ? …।।8।।
उठो ! अपने आपको, भगवान को अर्पित करो ।
अपनी चिंता, शोक और भय, सब उसे अर्पित करो ।
है वो ही उत्तम सहारा, क्यों सहारा खो रहे हो ? …।।9।।
जब करो जो भी करो, अर्पण करो भगवान को ।
सर्व कर दो समर्पण, त्यागकर अभिमान को ।
मुक्ति का आनंद अनुभव, सर्वदा क्यों खो रहे हो ? …।।10।।