वृंदा, वृंदावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी – ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं । यह सार्थक नामावली स्तोत्र के रूप में परिणत है । जो पुरुष तुलसी की पूजा करके इस नामाष्टक का पाठ करता है उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त हो जाता है । – ऐसा ब्रह्मवैवर्त पुराण में आता है ।
T-19+20 प्रसाद वितरण विधि व गीत :
अब तुलसी-पत्ते डालकर सभी को प्रसाद वितरित करें ।
T-21+22 अनमोल उपहार विधि :
तुलसी मनुष्य के लिए ईश्वर की तरफ से दिया गया स्वास्थ्य और समृद्धि का अनमोल उपहार है, अतः हम सभी का कर्तव्य है कि ‘तुलसी पूजन दिवस‘ के माध्यम से इसकी महिमा जन-जन तक पहुँचायें ।जिन महिमावान सदगुरुदेव की परम कृपा से आज हमें यह संस्कृति का प्रसाद मिला ऐसे ब्रह्मनिष्ठ पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के श्रीचरणों में हम सब का कोटि कोटि वन्दन । कोटि कोटि प्रणाम ।
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School, Society (Colony) Me Kaise Manaye Tulsi Pujan Diwas