Diwali Upay, Diwali me Kya Kare; Tips by Pujya BapuJi

2022 Diwali Laxmi Prapti Ke Upaye: Tips by Pujya BapuJi

  • पूजा के स्थान पर मोर-पंख रखने से लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है ।
  • तुलसी के पौधे के आगे शाम को दीया जलाने से लक्ष्मी वृद्धि में मदद मिलती है; गुरुदेव ने यह भी कहा कि “लक्ष्मीजी को कभी तुलसी जी नहीं चढाई जाती, उनको कमल चढाया जाता है ।
  • आँवले के उबटन से स्नान करने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है ।
  • मिट्टी के कोरे दीयों में कभी भी तेल-घी नहीं डालना चाहिए। दीये 6 घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर इस्तेमाल करें । नासमझ लोग कोरे दीये में घी डालकर बिगाड़ करते हैं ।
  • दीपावली के दिन लौंग और इलाइची को जलाकर राख कर दें, उस से फिर गुरुदेव (की फोटो) को तिलक करें, लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है ।
  • दीवाली के दिनों में घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी और चावल के पावडर से ओमकार और स्वास्तिक बनाएं । घर में निरोगता और प्रसन्नता रहेगी ।
  • दीपावली की संध्या को तुलसी जी के निकट दीया जलायें, लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने में मदद मिलती है; कार्तिक मास में तुलसीजी के आगे दीया जलाना पुण्यदायी है, और प्रातः-काल के स्नान की भी बड़ी भारी महिमा है ।
  • दीपावली, जन्म-दिवस, और नूतन वर्ष के दिन, प्रयत्न-पूर्वक सत्संग सुनना चाहिए ।
  • दीपावली की रात का जप हज़ार गुना फलदाई होता है; 4 महा-रात्रियाँ हैं – दिवाली, शिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी – यह सिद्ध रात्रियाँ हैं, इन रात्रियों का अधिक से अधिक जप कर के लाभ लेना चाहिए ।
  • दीपावली के अगले दिन , नूतन वर्ष होता है, उस दिन सुबह उठकर थोड़ी देर चुप बैठ जाएँ; फिर, अपने दोनों हाथों को देख कर यह प्रार्थना करें :

कराग्रे वसते लक्ष्मी, कर-मध्ये च सरस्वति ।
कर-मूले तू गोविन्दः, प्रभाते कर दर्शनं ।।

  • अर्थात, मेरे हाथों के अग्र भाग में लक्ष्मी जी का वास है, मेरे हाथों के मध्य भाग में सरस्वती जी हैं; मेरे हाथों के मूल में गोविन्द हैं, इस भाव से अपने दोनों हाथों के दर्शन करता हूँ…
  • फिर, जो नथुना चलता हो, वही पैर धरती पर पहले रखें; दाँया चलता हो, तो 3 कदम आगे बढायें, दांए पैर से ही । बाँया चलता हो, तो 4 कदम आगे बढायें, बाँए पैर से ही ।
  • नूतन वर्ष के दिन जो व्यक्ति हर्ष और आनंद से बिताता है, उसका पूरा वर्ष हर्ष और आनंद से जाता है ।
  • वर्ष के प्रथम दिन आसोपाल (अशोक के पत्ते) के और नीम के पत्तों का तोरण लगायें और वहां से गुजरें तो वर्षभर खुशहाली और निरोगता रहेगी ।